गली-मोहल्ले में छिपी प्रतिभाओं को सबके सामने लाए खेल प्रेमीः सुनील गुप्ता

844
file photo

नई दिल्ली, 15 जुलाई। इंडिया स्पोर्ट्स संघ गली-मोहल्ले, गांवों-कस्बों में छिपी हुई खेल प्रतिभाओं को देश के सामने लाने के कार्य में दिनरात अनवरत जुटा हुआ है। ऐसी ही प्रतिभाओं की मदद करने के उद्देश्य से संघ का गठन किया गया था। प्रस्तुत हैं संघ के अध्यक्ष सुनील गुप्ता से बातचीत के कुछ अंश…

संघ का मुख्य एजेंडा क्या है?
देश के किसी भी हिस्से में रहने वाले प्रतिभाशाली परंतु आर्थिक रूप से पिछड़े खिलाड़ी को आगे लाना। उसको खेल की सुविधाओं के साथ शिक्षा की सुविधा भी उपलब्ध करवाना संघ का मुख्य एजेंडा है। इसके साथ ही संघ खिलाडि़यों को नशे से भी दूर रखने का समय-समय पर अभियान चलाता है।

संघ किन खेलों के कल्याण व विकास के लिए कार्य कर रहा है?
आर्थिक रूप से पिछड़े परंतु प्रतिभावान बच्चों को कुश्ती, दंगल, मार्शल आर्ट, बॉडी बिल्डिंग, तैराकी आदि में आगे बढ़ने के लिए हरसंभव सहायता देना।

संघ किन राज्यों में सक्रिय है?
पंजाब, दिल्ली, चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड आदि में संघ प्रतिभावान बच्चों को ढूंढ कर उनकी मदद करता है।

देश में खेल व खिलाडि़यों के विकास लिए क्या किया जाना जरूरी है?
किसी भी खेल के विकास के लिए एक अच्छे कोच की हमेशा जरूरत होती है। प्रतिभावान खिलाडि़यों की पहचान और उनको पुष्ट खुराक उपलब्ध करवाना। खेल के साथ खिलाडि़यों की शिक्षा का भी ध्यान रखा जाना। खिलाडि़यों के लिए मेडिक्लेम और जीवन बीमा का अनिवार्य किया जाना। जहां स्टेडियम, पार्क या खेल परिसर नही है वहां उनकी व्यवस्था करना। इन सबसे भी जरूरी है खेलों मे व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करना।

संघ के निर्माण के लिए किसने प्रेरित किया?
भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय गोयल और श्याम जाजू ने इसके लिए समय-समय पर प्रेरित किया और सहायता की।

संघ से क्या अंतरराष्ट्रीय खिलाडी भी जुड़े हुए हैं?
हां, उदय चंद पहलवान (अर्जुन अवार्डी 1961), ओलंपियन प्रेमनाथ (अर्जुन अवार्डी), अशोक ध्यानचंद (अर्जुन अवार्डी), महिन्दर लाल (अर्जुन अवार्डी), महाबीर (अर्जुन अवार्डी), किशन चंद (अर्जुन अवार्डी 1961) जैसे अनेक अंतरराष्ट्रीय खिलाडी संघ से समय-समय पर जुड़े रहे हैं।

कार्यकारिणी समिति के किन सदस्यों का योगदान मिला?
दिल्ली और राश्ट्रीय स्तर पर राजेंद्र सोलंकी, मुकेश जैन, अरुण उपाध्याय, दलबीर मलिक, पवन कुमार, नवीन राठी, सुनील चौहान, कुलदीप सागवान, राजन मलिक, संजीव बिष्ट, अभिषेक, स्वर्ण सिंह, राजीव निर्माण, संदीप तिवारी, सुजीत कुमार, मान सिंह, रिशी मग्गो, अश्वनी सागर, नरेश नैन, नीरज शर्मा, पारुल त्यागी, ओमदत्त शर्मा, एम.पी. सिंह, उत्तम कुमार, गुलशन साहनी, सच्चिदानंद भट्ट, राकेश कुमार, मनोज चौरसिया, कौशल गर्ग, अरुण पौद्दार, एसएस डोगरा, आईपी सिंह, कृष्ण त्यागी (पूर्व विधायक) विद्यासागर आदि ने समय-समय पर संघ के उद्देश्य के लिए कार्य किया।

अंत में कुछ कहना चाहेंगे
मैं खेल प्रेमियों से कहना चाहता हू कि आपके मोहल्ले, क्षेत्र, गांव, विद्यालय में बहुत-सी खेल प्रतिभाएं जो आर्थिक रूप से काफी कमजोर हैं। उनकी सहायता करें और उनका उत्साहवर्धन करें। भारत जनसंख्या के मामले में पूरे विश्व में दूसरे नंबर पर है, किंतु खेलों में उसका नंबर काफी पीछे है। फुटबाल मे भी भारत की दशा अच्छी नहीं है। देश का राष्ट्रीय खेल हाकी और सांस्कृतिक खेल मलयुद्ध, कुश्ती, कबड्डी आदि समाप्ति की ओर है, वहीं ंपाश्चात्य खेलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। हमें अपने खेलों पर विशेष ध्यान देना चाहिए, जिसमें हम सर्वश्रेष्ठ थे। संपन्न भारतीयों को आगे बढ़कर स्वयं या संस्था द्वारा खिलाडि़यों की सहायता करनी चाहिए। हमारा संघ भी ऐसी प्रतिभाओं को सामने लाकर उन्हें कोच, खेल उपकरण आदि की मदद करता है।

शिखर पर रहकर अपनी जड़ों से जुड़े रहने की सीख

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here