हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा के खराब प्रदर्शन के बाद योगी आदित्यनाथ के खिलाफ अंदर खाते आ रही लगातार बगावत की खबरों के पीछे कहीं अमित शाह को नरेंद्र मोदी के बाद प्रधानमंत्री बनाने की तैयारी तो नहीं है! उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का दिल्ली आकर गृहमंत्री अमित शाह से मिलना या फिर उत्तर प्रदेश में योगी राज में कार्यकर्ताओं की सुनवाई न होने जैसे आरोप, कहीं ना कहीं अपने-आप में बहुत बड़ा संकेत दे जाते हैं। ऐसे ही संकेत सोशल मीडिया पर भाजपा समर्थक द्वारा जारी पोस्ट से भी मिलते हैं जिसमें ये कहा जा रहा है कि ‘मात्र बुलडोजर बाबा की ख्याति हासिल कर लेने से वो प्रधानमंत्री पद के योग्य या दावेदार नहीं हो सकते। योगी को लेकर सोशल मीडिया पर ऐसा नरैटिव गढ़ा जाना अपने आप में बहुत कुछ कह जाता है।
मौर्य और अमित शाह की नजदीकियां
ये किसी से छुपा नहीं है कि केशव प्रसाद मौर्य अमित शाह के खास लोगों में शामिल हैं। 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा में प्रचंड जीत के बाद योगी की ताजपोशी के साथ ही आदित्यनाथ के समानांतर लगातार केशव प्रसाद मौर्य, अरविंद शर्मा, ब्रजेश पाठक और दिनेश शर्मा को खड़ा करने की कोशिश की गई, लेकिन बाबा ने किसी की नहीं चलने दी। 2017 का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ा गया था। ऐसे में मोदी और शाह को लगता था कि उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा की तरह यहां भी सबकुछ उनके कंट्रोल में रहेगा। परंतु योगी तो ठहरे हठयोगी, उन्होंने उत्तर प्रदेश में गुजरात लॉबी को हावी नहीं होने दिया।
मुख्यमंत्री बनने के बाद और बढ़ी लोकप्रियता
गोरखपुरपीठ के पीठाधीश योगी आदित्यनाथ जब संसद सदस्य थे तब भी उमा भारती और साध्वी ऋतंबरा की तरह फायरब्रांड नेताओं की श्रेणी में शामिल थे। उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद अपराधियों के खिलाफ उनकी सख्त बुलडोजर नीति हो या कई अन्य महत्वपूर्ण फैसले सबने उनकी लोकप्रियता को उत्तर प्रदेश से बाहर पूरे देश में भी फैला दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद वे दूसरे ऐसे सर्वलोकप्रिय नेता बन गए जिनको हर चुनाव में प्रचार के लिए अलग-अलग राज्यों में बुलाया जाने लगा। यहां तक की मध्यप्रदेश के तत्कालीन लोकप्रिय सीएम शिवराज सिंह चौहान और छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह भी उनके आगे फीके पड़ते नजर आए।
हार का ठीकरा!
उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव में मोदी की जगह योगी का जादू मतदातओं पर ज्यादा चला था। मतदाताओं का स्पष्ट मत था कि प्रदेश को अपराधियों से दूर रखना है तो बुलडोजर बाबा को लाना है। वहीं, इस बार लोकसभा 2024 का चुनाव मोदी की गारंटी पर लड़ा गया था और उत्तर प्रदेश में टिकट बंटवारे में योगी की ना चलकर केंद्र की चली थी। जिसका खामियाजा उत्तर प्रदेश में भाजपा को बुरी तरह से भुगतना पड़ा। मौर्य का कार्यकर्ताओं की अनदेखी का आरोप कहीं-ना-कहीं योगी पर हार का ठीकरा फोड़ने का प्रयास है। जबकि मीडिया रिपोर्टों के अनुसार जमीन हकीकत कुछ और ही कहती है, उसके अनुसार लोकसभा प्रत्याशियों के चयन में स्थानीय कार्यकर्ताओं की नहीं सुनी गई और उन निवर्तमान सांसदों को फिर से टिकट दे दी गई जिनसे जनता बेहद नाराज थी। इनमें से सबसे हॉट सीट अयोध्या से भाजपा सांसद भी शामिल थे, जिनको सपा के प्रत्याशी से हार का स्वाद चखना पड़ा।
चाणक्य से सम्राट बनाने की तैयारी!
भाजपा में अटल-आडवाणी-मुरली युग के अंत के साथ ही मोदी-शाह युग का उदय हुआ। गुजरात हो या केंद्र हर जगह अमित शाह मोदी के चाणक्य के रूप में नजर आए। अमित शाह धीरे-धीरे इतने ताकतवर बन गए कि राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी का कद भी भाजपा में उनसे कम से कमतर होता चला गया। अब भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह को शायद मोदी के बाद प्रधानमंत्री के रूप में स्थापित करने की तैयारी शुरू हो गई है। इन संभावनाओं का इशारा सोशल मीडिया पर जारी एक पोस्ट कर रही है। जिसमें कहा जा रहा है कि ‘कृपया योगी को अभी योगी ही रहने दें, प्रधानमंत्री मत बनाएं‘। भाजपा समर्थक इस पोस्ट को शेयर कर रहे हैं। ओमप्रकाश अग्रवाल की फेसबुक वॉल पर ये पोस्ट अवधेश कुमार पांडेय व 96 अन्य के साथ देखी जा सकती है।
पोस्ट में योगी और मोदी में तुलना
इस पोस्ट में योगी को लेकर भाजपा में मची उथलपुथल की खबरों को विपक्षी दलों और कुछ चुनिंदा पत्रकारों का नरैटिव बताया गया है। परंतु कहीं ना कहीं ये पोस्ट योगी के ऊपर अमित शाह का खुलेआम समर्थन भी कर रही है। भले ही इस पोस्ट में यह कहा जा रहा है कि योगी और शाह के बीच में कोई खाई पैदा ना की जाए, परंतु इस पोस्ट में ही एक नरैटिव के तहत मोदी और योगी की तुलना की गई है और कहीं ना कहीं शाह को योगी से बेहतर बताने का प्रयास किया गया है। इसमें कहा गया है कि योगी उत्तर प्रदेश के लिए तो बेहतर हैं, परंतु अभी वे देश की राजनीति संभालने के लिए पूरी तरह लायक नहीं है। पोस्ट के अनुसार योगी और मोदी में बहुत बड़ी लकीर है। योगी ने अभी तक मोदी के विजन को ही पूरा किया है और उनको अभी बहुत कुछ सीखना है। पोस्ट के अनुसार, भविष्य में मोदी के जूतों में पैर डालने योग्य होने के थोड़ा बहुत निकट पहुंचने में भाजपा में अभी कोई दिखता है तो वो सिर्फ और सिर्फ अमित शाह हैं‘।
ये पोस्ट इस ओर भी इशारा कर रही है कि अगले प्रधानमंत्री अमित शाह हो सकते हैं और योगी को प्रधानमंत्री बनने के लिए 2039 तक का इंतजार करना होगा।
इस पोस्ट का लिंक नीचे दिया गया है, आप खुद इस पोस्ट को पढ़कर भी विश्लेषण कर सकते हैं कि क्या भाजपा में योगी को लेकर सबकुछ चंगा चल रहा है!
राजेश निरंजन
(ये विचार सोशल मीडिया पोस्ट पर आधारित हैं।)