बैजनाथ (कांगड़ा), 30 मई। हिमाचल प्रदेश की बिलिंग घाटी से 8 जनवरी से उड़ान भरने के बाद लापता दिल्ली के पायलट रोहित भदोरिया की लाश बैजनाथ की जालसू जोत की 14 हजार फुट ऊंची धौलाधार की पहाडि़यों से मिली। लाश के पास से पैराग्लाइडर, जूते व कुछ अन्य सामान मिला है। भाई अरविंदम और दोस्त विक्रम ने 48 वर्षीय रोहित की पहचान की। परिजनों ने रोहित के बारे में सूचना देने वाले को 3 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा कर रखी थी। बिलिंग घाटी में उड़ान भरने वाले 10 विदेशी पायलट हादसे का शिकार होकर मौत के मुंह में समा चुके हैं। एक ब्रिटिश पायलट जेओल किचन की लाश आज तक नहीं मिली है।
दिल्ली के रोहिणी इलाके के निवासी रोहित भदोरिया पिछले कुछ सालों से पत्नी और बेटे के साथ बीड़ में रह रहे थे। रोहित बीच-बीच मे ंबिलिंग से उड़ान भरते थे। 8 जनवरी को भी उन्होंने पैराग्लाइडिंग के लिए विश्व प्रसिद्ध बिलिंग घाटी से उड़ान भरी थी, परंतु उसके बाद से वे लापता हो गए थे। परिजनों व प्रशासन ने एक सप्ताह तक उनकी हर जगह तलाश की थी। इसमें हेलीकॉप्टर की भी मदद ली गई थी। अप्रैल महीने में कुछ लोगों को उत्तराला गांव के ऊपर जालसू जोत में रोहित का सामान मिला था। बर्फ पिघलने से बीड़ में जालसू जीत की पहाडि़यों पर एक व्यक्ति से शुक्रवार को रोहित की लाश को देखा था। जिसके बाद उसने प्रशासन को इसकी सूचना दी थी।
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इसके बाद पुलिस जवान पवन और गुरवचन बीड़ के पांच युवकों के साथ हादसा स्थल के लिए रवाना हो हुए थे। शनिवार को मौसम ठीक नहीं होने की वजह से उनसे किसी प्रकार का संपर्क नहीं हो सका था। टीम को हादसा स्थल पर रोहित की सड़ी-गली लाश मिली थी। टीम ने रोहित के अस्थि पिंजर एक बोरी में रख कर रविवार दोपहर को बैजनाथ पहुंचे। लाश की पहचान करना तक मुश्किल था। लाश के पास से पैराग्लाइडर, जूते और कुछ अन्य सामान भी टीम को मिला था।
इस बीच, थाना प्रभारी ओम प्रकाश ठाकुर के अनुसार भाई और दोस्त ने रोहित की लाश की पहचान की। शव को टांडा मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया जाएगा। पोस्टमार्टम सोमवार को होगा। उन्होंने बताया कि उतराला के लोक बहादुर ने 28 मई को लाश होने की सूचना दी थी।