प्रकाशक भनोट को आरजेएस फैमिली ने दी श्रद्धांजलि, 20 को फिर होगी “दीदेवार प्रश्नोत्तरी”

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आरजेएस वेबिनार में दीदेवार ने बताया स्वयं का स्वामी बनने से कैसे होता है जीवन सफल

दीदेवार प्रश्नोत्तरी से मिला समस्याओं का समाधान

नई दिल्ली, 7 जून। रामजान की संस्थान, आरजेएस के सकारात्मक भारत आंदोलन के सहयोगी और द बुक लाइन पब्लिशर्स के प्रमुख सुनील भनोट को आरजेएस फैमिली ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी। भनोट का 6 मई को हृदयगति रुकने से निधन हो गया था। इसके साथ ही दीदेवार प्रश्नोत्तरी का फिर से 20 जून को आयोजन करने की घोषणा की गई।
आरजेएस राष्ट्रीय वेबिनार की स्मृति सभा के प्रारंभ में आरजेएस ऑब्जर्वर दीप माथुर ने आरजेएस के विश्व पर्यावरण दिवस मुहिम के अंतर्गत आरजेएस फैमिली द्वारा किए गए पौधारोपण और फोटो-वीडियो ग्रुप में शेयर करने के लिए सभी का धन्यवाद किया। इसके उन्होंने स्वर्गीय भनोट के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वो आगामी आरजेएस राष्ट्रीय सम्मान के भेंटकर्ता थे। उन्होंने विश्व पुस्तक मेला 2019 और 2020 में आरजेएस की सकारात्मक बैठक की थी और पहली बार लगातार दो साल पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई थी। आरजेएस राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने बताया कि सुनील भनोट स्मृति सभा में उनकी पुत्री ईशी भनोट सहित द बुक लाइन के लेखक गण और आरजेएस फैमिली- जेपीएस जोली, मुकेश भटनागर, प्रदीप खरे, सुरेंद्र सिंह डोगरा, वेद कुमार शर्मा, संदीप शर्मा, संतोष तिवारी, बालिश कुमार और वी. कुमार आदि ने श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि भनोट बचपन से ही मेधावी छात्र रहे और सकारात्मक व्यक्तित्व के धनी थे। 2003 में द बुक पब्लिशर्स, दिल्ली को उन्होंने देश-विदेश तक पहुंचाया। सभी लेखकों के साथ इनका पारिवारिक संबंध रहा। उनकी पुत्री ईशी भनोट ने आरजेएस फैमिली का धन्यवाद किया और कहा कि इस विषम परिस्थिति में आप सभी का साथ मिल रहा है। उनके पिताजी आरजेएस फैमिली की बहुत प्रशंसा करते थे, आज प्रत्यक्ष अनुभव हो रहा है। पिताजी के प्रकाशन व्यवसाय को उनके ही आदर्शों पर मैं आगे ले जाऊंगी।
आरजेएस राष्ट्रीय वेबिनार के दूसरे सत्र में आध्यात्मिक गुरु सुरजीत सिंह दीदेवार के साथ आरजेएस फैमिली का प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम हुआ-स्वयं का स्वामी से जीवन सफल। इसमें लोगों ने आध्यात्मिक गुरु दीदेवार से अपनी शंकाओं का समाधान पाया। आरजेएस फैमिली जिंदगी में स्वयं का स्वामी बनने की ओर पहली बार अग्रसर हुई। आध्यात्मिक गुरु दीदेवार ने नकारात्मक और ढोंगी लोगों से दूर रहने को कहा, क्योंकि जिसके पास जो होता है वही वह देता है। आरजेएस फैमिली के डा. बिनय कुमार विष्णुपुरी, साधक ओमप्रकाश झुनझुनवाला, डा. नरेंद्र टटेसर, ललित कुमार, प्रभनूर चढ्ढा, सिराज अब्बासी, सुमन झुनझुनवाला, हरीश शर्मा,प्रेमप्रभा झा, संतोष झा, मयंक माथुर, आकांक्षा, मयंक राज, वैभव भारद्वाज, आरूषि, कुसुम प्रसाद, अल्ताफ हुसैन, सीमा जोशी, सुभाष जोशी, सुनीता जोशी और पाशीराम, आदि ने कोरोना काल में मानसिक शांति, स्वस्थ तन-मन और विकास के उपाय पर सवाल किए और सही जवाब से संतुष्ट हुए। वेबिनार में आरजेएस युवा टोली के सदस्यों ने भी भाग लिया। वेबिनार में दीदेवार प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम की मांग को देखते हुए आरजेएस राष्ट्रीय संयोजक ने विश्व योग दिवस के उपलक्ष्य में 20 जून को सायं 3 बजे राष्ट्रीय वेबिनार की घोषणा की। इसमें योगी-कवि प्रेम भाटिया को आमंत्रित किया जाएगा। वेबिनार में संपादक पत्रकार और आरजेएस स्टार इस दौरान फैमिली अवार्ड 2018 से सम्मानित सुरेश त्रेहण को श्रद्धांजलि दी जाएगी। कोरोना से पीडि़त त्रेहन का बीते 6 मई को हृदय गति रुकने से निधन हो गया था । आरजेएस फैमिली ने बीते 30 मई को कोरोना से दिवंगत जाने माने चिकित्सक हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डा. के के अग्रवाल को भी श्रद्धांजलि दी थी। कोरोना से अग्रवाल का निधन हो गया था। वो सकारात्मक भारत आंदोलन के प्रमुख सहयोगियों में से एक थे।

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