नई दिल्ली/शिमला, 31 मार्च। हिमाचल प्रदेश के शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह से भेंट की।
उन्होंने कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री से आग्रह किया कि सहकारी समितियों के रूप में एफपीओ की कवरेज के लिए योजना का विस्तार प्रदेश के सभी विकास खंडों तक किया जाना चाहिए, चाहे वे एकीकृत सहकारी विकास परियोजना (आईसीडीपी) के अंतर्गत् आते हो अथवा नहीं। उन्होंने कहा कि राज्य सहकारिता विभाग द्वारा गठित एफपीओ को भी उसी प्रकार का प्रोत्साहन (इन्सेंटिव) दिया जाना चाहिए जैसा कि नाबार्ड द्वारा गठित एफपीओ को दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) से संबंधित ब्याज सबवेंशन केवल कृषि, बागवानी संबंधी बुनियादी ढांचे के लिए उपलब्ध है। उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) और इको-टूरिज्म क्षेत्रों में कार्य करने वाली सहकारी समितियों के लिए भी इस सुविधा का विस्तार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों के मामले में 20 लाख रुपये तक के जमानत मुक्त ऋण का प्रावधान होने से अनेक समितियां आईसीडीपी या पीएसीएस जैसी योजनाओं का लाभ उठा सकती हैं।
उन्होंने कहा कि विभाग नवगठित कृषक उत्पादक संगठन के सदस्यों के लिए प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यशाला आयोजित करने की योजना बना रहा है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ, विशेष रूप से कृषि-विपणन विशेषज्ञ भाग लेंगे। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से प्रतिभागियों के साथ संवाद और कॉन्क्लेव में अपने विचार साझा करने का भी आग्रह किया।
केंद्रीय मंत्री ने उनकी मांगों को ध्यानपूर्वक सुना और हरसंभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।