प्रदेश का मूल्याकंन 7 सुधार क्षेत्रों और 27 कार्य बिन्दुओं पर किया गया। जिनका राज्य में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान है। राज्य को क्षमता निर्माण में अग्रणी, फंडिग लीडर, सस्टेनेबिलिटी प्रमोटर, इनक्यूबेशन हब, मेंटरशिप चौंपियन, इनोवेटिव लीडर और संस्थागत चैंपियन के रूप में मान्यता दी गई।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उद्योग विभाग और स्टार्टअप टीम की सराहना करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश न केवल देश बल्कि दुनिया भर में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में अग्रणी बनने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में औद्योगिकीकरण की गति बढ़ाने के साथ-साथ रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत सभी हितधारकों के लिए इंटरेक्टिव पोर्टल का निर्माण, उच्च शिक्षा संस्थानों में जागरूकता और पहुंच के लिए प्रभावी तंत्र बनाने तथा स्टार्टअप को प्रदर्शन एवं विपणन के अवसर प्रदान करने के लिए विभिन्न पहल शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष राज्य सरकार नई स्टार्टअप नीति लेकर आएगी जिसमें ग्रामीण आधारित स्टार्टअप और महिला नेतृत्व वाले स्टार्टअप के लिए विशेष प्रावधान होंगे। राज्य सरकार भारतीय प्रबंधन संस्थान सिरमौर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान बिलासपुर और डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नंेस विभाग में नए इन्कुवेशन केंद्र स्थापित करेगी।
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने तथा निवेशक मित्र वातावरण तैयार करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा महत्वाकांक्षी पहल की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों की राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना की जा रही है।
हिमाचल प्रदेश प्रति व्यक्ति सबसे अधिक इनक्यूबेटर सेंटर वाले राज्य में से एक है। हिमाचल प्रदेश को हाल ही में भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा आयोजित वर्ल्ड फूड इंडिया कार्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले राज्य के रूप में भी चुना गया था।
स्टेट स्टार्टअप रैंकिंग कार्यक्रम में उद्योग विभाग हिमाचल प्रदेश को प्रशस्ति प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
प्रधान सचिव उद्योग आर.डी. नजीम, निदेशक उद्योग राकेश कुमार प्रजापति, संयुक्त निदेशक दीपिका खत्री को सराहनीय प्रयासों के लिए प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उद्योग विभाग और स्टार्टअप टीम की सराहना करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश न केवल देश बल्कि दुनिया भर में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में अग्रणी बनने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में औद्योगिकीकरण की गति बढ़ाने के साथ-साथ रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत सभी हितधारकों के लिए इंटरेक्टिव पोर्टल का निर्माण, उच्च शिक्षा संस्थानों में जागरूकता और पहुंच के लिए प्रभावी तंत्र बनाने तथा स्टार्टअप को प्रदर्शन एवं विपणन के अवसर प्रदान करने के लिए विभिन्न पहल शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष राज्य सरकार नई स्टार्टअप नीति लेकर आएगी जिसमें ग्रामीण आधारित स्टार्टअप और महिला नेतृत्व वाले स्टार्टअप के लिए विशेष प्रावधान होंगे। राज्य सरकार भारतीय प्रबंधन संस्थान सिरमौर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान बिलासपुर और डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नंेस विभाग में नए इन्कुवेशन केंद्र स्थापित करेगी।
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने तथा निवेशक मित्र वातावरण तैयार करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा महत्वाकांक्षी पहल की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों की राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना की जा रही है।
हिमाचल प्रदेश प्रति व्यक्ति सबसे अधिक इनक्यूबेटर सेंटर वाले राज्य में से एक है। हिमाचल प्रदेश को हाल ही में भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा आयोजित वर्ल्ड फूड इंडिया कार्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले राज्य के रूप में भी चुना गया था।
स्टेट स्टार्टअप रैंकिंग कार्यक्रम में उद्योग विभाग हिमाचल प्रदेश को प्रशस्ति प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
प्रधान सचिव उद्योग आर.डी. नजीम, निदेशक उद्योग राकेश कुमार प्रजापति, संयुक्त निदेशक दीपिका खत्री को सराहनीय प्रयासों के लिए प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।