नई दिल्ली, 9 अप्रैल। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि उनका लक्ष्य हिमाचल को देश के सबसे प्रगतिशील व समृद्ध राज्यों में शुमार करने का है। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रदेश सरकार लगातार प्रयासरत है।
हिमाचल सोशल बॉडीज फेडरेशन द्वारा आयोजित ‘स्वर्ण जयंती एवं हिमाचली मिलन कार्यक्रम’ के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रदेश की पहचान और संस्कृति को संरक्षित रखने में हिमाचलियों का अहम योगदान है और इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के तीव्र विकास के लिए कृतसंकल्प है और आगामी चार वर्षों में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की दिशा में गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने राज्य के बाहर रहने वाले हिमाचलियों को प्रदेश का दौरा करने के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि आगामी वर्षों में उन्हें सरकार की दूरदर्शी नीतियों और कार्यक्रमों के कारण प्रदेश में सकारात्मक और रचनात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने आगामी दस वर्षों में हिमाचल को देश के सबसे प्रगतिशील और समृद्ध राज्यों में शुमार करने का लक्ष्य रखा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का पहला बजट सभी क्षेत्रों के समान विकास और विशेष रूप से ग्रामीण अर्थव्यवस्था के उत्थान पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि सरकार सभी जिलों को हेलीपोर्ट से जोड़ने, कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार, सड़कों की स्थिति में सुधार सहित अन्य कई नवीन पहल कर रही है। उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के दृष्टिगत इसे ‘पर्यटन राजधानी’ घोषित किया गया है और क्षेत्र में अधिक से अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएं आरंभ की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल वर्ष 2026 तक हरित राज्य बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अनाथ बच्चों एवं निराश्रितों को सम्मानजनक जीवन प्रदान करने के लिए सरकार वचनबद्ध है और इसके लिए मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना आरंभ की गई है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों और सौर ऊर्जा इत्यादि को प्रोत्साहित करने के लिए भी सरकार विशेष प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भू-जोत में लड़कियों को समान अधिकार प्रदान कर महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है।
हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष आर.एस. बाली ने इस अवसर पर संगठन के साथ अपने गहन लगाव को याद किया। उन्होंने राज्य के विकास के लिए मुख्यमंत्री के समर्पण और हिमाचल प्रदेश को देश के सबसे प्रगतिशील राज्यों में से एक के रूप में विकसित करने के लिए नई योजनाएं शुरू करने के लिए उनका धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन और समाज कल्याण के क्षेत्र में मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण अनुकरणीय है।
उन्होंने अपने दिवंगत पिता और पूर्व मंत्री जी.एस. बाली को सार्वजनिक जीवन और समाज के प्रति उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए फेडरेशन द्वारा प्रदत्त ‘हिमाचल रत्न’ पुरस्कार भी ग्रहण किया।
हिमाचल सोशल बॉडीज फेडरेशन के अध्यक्ष के.आर. वर्मा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और फेडरेशन की गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रशासनिक अधिकारी डी.एस. नेगी सहित चार अन्य हस्तियों चुन्नी लाल कौशल, जे.सी. शर्मा, कुमारी अंजलि शर्मा और प्रणव चंदेल को उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिए ‘हिमाचल गौरव’ पुरस्कार भी प्रदान किए।
इस अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के अलावा एक रक्तदान शिविर का आयोजन भी किया गया।
सहकारी बैंक के अध्यक्ष लक्ष्मी दास, आवासीय आयुक्त मीरा मोहंती, प्रधान आवासीय आयुक्त एस.के. सिंगला, मुख्यमंत्री के ओएसडी के.एस. बांश्टू, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रहने वाले हिमाचलियों के प्रतिनिधि और फेडरेशन के पदाधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।