- डीटीए पहली बार डूटा चुनाव में उतरी
- दिल्ली सरकार के कॉलेजों में एडहॉक टीचर्स का समायोजन/स्थायीकरण कराना डीटीए की पहली प्राथमिकता
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) के चुनाव में पहली बार आम आदमी पार्टी की शिक्षक इकाई दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) भी अपना प्रत्याशी चुनाव में उतारेगी। डीटीए के अध्यक्ष डॉ. हंसराज सुमन डूटा की एग्जिक्यूटिव सीट पर अपना नामांकन भरेंगे। डूटा चुनाव 26 नवंबर को होंगे।
डूटा चुनाव को लेकर डीटीए के कार्यकारिणी सदस्यों की बैठक आज दिल्ली विश्वविद्यालय के साउथ कैंपस की आर्ट्स फैकल्टी में हुई। बैठक में डॉ. हंसराज सुमन को डूटा चुनाव में प्रत्याशी बनाए जाने पर सभी ने अपनी सहमति दी। बैठक की अध्यक्षता एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. हंसराज सुमन ने की। इस अवसर पर डॉ. नरेंद्र कुमार पांडेय, डॉ. मनोज कुमार सिंह, डॉ. आशा रानी, डॉ.संगीता मित्तल, डॉ. मानसिंह, डॉ. सुनील कुमार के अलावा अन्य कार्यकारिणी सदस्य भी उपस्थित थे।
डीटीए की सचिव डॉ. संगीता मित्तल ने बताया कि डॉ. हंसराज सुमन डीटीए के अध्यक्ष के साथ-साथ दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध श्री अरबिंदो कॉलेज के हिंदी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। वे पांच साल नॉन कॉलेजिएट सेंटर के प्रभारी भी रहे हैं। वर्ष 2015–2017 और 2017-2019 तक दिल्ली विश्वविद्यालय की सर्वोच्च संस्था एकेडेमिक काउंसिल में सदस्य भी रह चुके हैं। इसके अलावा दिल्ली विश्वविद्यालय की अनेक कमेटियों में रहकर डॉ. सुमन ने अपने दायित्व का निर्वाह किया है। एडमिशन कमेटी, अपॉइंटमेंट्स और प्रमोशन कमेटी, मेडिकल कमेटी, फंक्शन कमेटी, सलेब्स कमेटी, एससी/एसटी एडमिशन कमेटी, डीयू ग्रीवेंस कमेटी के अलावा डॉ. सुमन डीयू की टास्क फोर्स कमेटी के सदस्य रहे हैं। डॉ. सुमन को राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षक सम्मान व अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। डॉ. सुमन को दिल्ली सरकार का डॉक्टर अंबेडकर अवॉर्ड भी मिल चुका है।
उन्होंने बताया है कि डॉ. सुमन डीयू में दलित, पिछड़े वर्गों के शिक्षकों के हित में सदैव कार्य करते रहे हैं, चाहे दलित शिक्षकों के आरक्षण को लेकर सुविधाएं दिलाने का हो, हाल ही में इन्होंने डीयू के विभागों में पीएचडी की अनिवार्यता को खत्म कराने में अहम भूमिका अदा की। डॉ. सुमन काले कमेटी की रिपोर्ट लागू कराने के लिए, प्रिंसिपल पदों में आरक्षण लागू करना, प्रोफेसर पदों पर आरक्षण के तहत भरने संबंधी एससी/एसटी व ओबीसी कमीशन को डीयू में लेकर आए जिसके सकारात्मक परिणाम आएं।
डॉ. हंसराज सुमन ने बताया कि इस बार डूटा चुनाव में प्रमुख मुद्दे राष्ट्रीय शिक्षा नीति और तदर्थ शिक्षकों का समायोजन है। उन्होंने बताया कि डीयू में 5000 तदर्थ कॉलेजों और लगभग 800 विभागों में एक दशक या उससे अधिक से काम कर रहे हैं। इन तदर्थ शिक्षकों का समायोजन किया जाए। एडहॉक टीचर्स को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं दिलाना, एडहॉक महिला शिक्षिकाओं को छह महीने का मातृत्व अवकाश, प्रिंसिपल का कार्यकाल 5 साल कराना आदि शामिल है।
दिल्ली सरकार के कॉलेजों में कराएंगे तदर्थ शिक्षकों का समायोजन-स्थायीकरण
डॉ. सुमन ने कहा कि दिल्ली सरकार के वित्त पोषित 28 कॉलेजों में तदर्थ शिक्षकों के समायोजन-स्थायीकरण कराने के लिए दबाव बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी कॉलेजों में अस्थाई गवर्निंग बॉडी है, जैसे ही दिल्ली सरकार की गवर्निंग बॉडी बनेगी तो एडहॉक शिक्षकों के समायोजन/स्थायीकरण कराना हमारे संगठन की पहली प्राथमिकता होगी।
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