नई दिल्ली, 8 अक्टूबर। दिल्ली विश्वविद्यालय के नए कुलपति के रूप में प्रोफेसर योगेश सिंह के शुक्रवार को अपना कार्यभार ग्रहण करने पर आम आदमी पार्टी के शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) ने उन्हें बधाई और शुभकामना दी है। डीटीए ने आशा व्यक्त की कि वह शिक्षकों, कर्मचारियों व छात्रों के लंबित मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने की कोशिश करेंगे।
डीटीए अध्यक्ष डॉ. हंसराज सुमन ने बताया कि प्रोफेसर सिंह इससे पहले एनएसआईटी के डायरेक्टर और तीन बार विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर रह चुके हैं। उनका शैक्षिक जगत में काफी योगदान रहा है। वे लंबे समय से शिक्षा और उसमें होने वाले बदलावों में अपना सहयोग देते रहे हैं। उच्च शिक्षा में नए-नए प्रयोगों को पाठ्यक्रमों में शामिल करने और शिक्षण संस्थानों में सुधार करने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई है।
डॉ. सुमन ने कहा कि विज्ञान एवं तकनीकी विषय में एक्सपर्ट प्रोफेसर सिंह विज्ञान की शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ ही आशा है कि वैज्ञानिक सोच को भी विश्वविद्यालय में और मजबूत करेंगे। दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन उनको शुभकामनाएं देता है तथा उम्मीद करता है कि पेंडिंग पड़ी हुई नियुक्तियों को पुनः गति प्रदान करेंगे। वह जल्द से जल्द उन तमाम एडहॉक शिक्षकों को परमानेंट करेंगे, जो पिछले एक दशक से बिना किसी स्थायी नियुक्ति के भी विश्वविद्यालय के शिक्षा के स्तर को बचाने में काफी सफल रहे हैं और कोरोना जैसी महामारी में भी अथक परिश्रम करते हुए छात्रों के मनोबल को नीचे नहीं गिरने दिया। उनके इस योगदान के कारण ही हम देख रहे हैं कि ऑनलाइन क्लास होने के बावजूद आज यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षाओं में भी छात्रों ने टॉपरैंक प्राप्त करके विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया है।
डॉ. सुमन ने कहा कि प्रोफेसर सिंह अपने ऊर्जावान और कर्मठ व्यक्तित्व के लिए हमेशा से जाने जाते हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय जैसे बड़े संस्थान में जहां लाखों छात्र और लोग शिक्षण और शिक्षा से जुड़े हुए हो उसकी बागडोर उनके जैसे कुशल प्रशासक के हाथ में ही होनी चाहिए। डॉ. सुमन ने कहा कि पिछले कुलपतियों की निराशाजनक उपलब्धियां इसकी गवाह है कि विश्वविद्यालय में अनेक परियोजनाएं ठप्प पड़ गई और नियुक्तियों से लेकर अनेक ऐसे भविष्योन्मुखी कार्य योजनाएं ठंडे बस्ते में दब गई, जिन्हें भविष्य के अकादमिक विकास के लिए पुनः आरंभ करना नए वाइस चांसलर के लिए बड़ा उत्तरदायित्व और चुनौती दोनों हैं। डॉ. सुमन ने साथ ही यह आशा व्यक्त की कि प्रोफेसर सिंह के कुलपति बनने से एडहॉक शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति की राह आसान होगी। साथ ही डॉ. सुमन ने शैक्षिक व गैर शैक्षिक कर्मचारियों की लंबे समय से रुकी हुई नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना जताई।
डॉ. सुमन ने कहा कि प्रो. सिंह अपने अनुभव से नई शिक्षा नीति लागू करने की दिशा में बेहतरीन परिणाम देंगे। वे वे शिक्षकों के साथ मिलकर रोजगार परक पाठ्यक्रम तैयार करेंगे, जिससे यहां छात्रों को बेरोजगारी से ना जूझना पड़े। डॉ. सुमन ने बताया है कि डीटीयू में उन्होंने शिक्षा को रोजगार से जोड़कर छात्रों को अपने पैरों पर खड़ा किया। शिक्षा ग्रहण करने के बाद यदि रोजगार नहीं है तो वह खुद अपना रोजगार स्थापित कर सकें।
डॉ. सुमन ने प्रोफेसर सिंह से मांग की कि जिस तरह से कॉलेज और विभागों के शिक्षकों की प्रमोशन जारी है वह उसी तरह से जारी रहे, प्रमोशन के बाद शिक्षा मंत्रालय व यूजीसी द्वारा जारी सर्कुलर को लागू करते हुए मिशन मोड़ में एससी/एसटी/ओबीसी व ईडब्ल्यूएस शिक्षकों के बैकलॉग पदों को भरने के लिए विज्ञापन निकलवाएं। उन्होंने कहा कि डीयू में शिक्षकों के पदों को भरने के लिए कई बार विज्ञापन निकाले जा चुके हैं और उन विज्ञापनों की समय सीमा भी समाप्त हो चुकी है।
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