नई दिल्ली, 13 नवंबर। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद अरविंद केजरीवाल सरकार ने तुरंत ऐक्शन लेते हुए कई अहम ऐलान किए। इसमें एक सप्ताह तक स्कूल बंद करना भी शामिल है।
सुप्रीम कोर्ट में आज दिल्ली-एनसीआर के वायु प्रदूषण को लेकर सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण हो रही अप्रत्याशित वृद्धि को आपातकालीन स्थिति करार दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने साथ ही जोर देते हुए कहा कि इस पर महत्वपूर्ण उपाय किए जाने की जरूरत है। सुप्रीम अदालत ने केंद्र और दिल्ली सरकार से प्रदूषण कम करने के लिए तत्काल कदम उठाने और सोमवार को इस पर रिपोर्ट देने को कहा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली सरकार तुरंत हरकत में आई और शाम को कई अहम घोषणाएं की।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मीडिया बताया कि वायु प्रदूषण को देखते हुए एक हफ्ते तक स्कूल बंद रहेंगे और पढ़ाई आनलाइन होगी। केजरीवाल ने कहा कि इसका मकसद बच्चों को प्रदूषित वायु में आने से रोकना है। उनकी सेहत का ख्याल रखना बहुत जरूरी है।
प्राइवेट सेक्टर में एडवाइजरी जारी की जाएगी कि वहां भी ज्यादा से ज्यादा लोगों को वर्क फ्रॉम दिया जाए: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण स्तर को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक के बाद https://t.co/BsBUVsdzdo
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 13, 2021
केजरीवाल ने कहा कि एक हफ्ते के लिए सभी सरकारी कर्मचारी पूरी तरह घर से काम करेंगे। वर्क फ्रॉम होम सभी कर्मचारियों के लिए लागू होगा। उन्होंने बताया कि निजी संस्थानों को भी अधिसूचना जारी की जाएगी। उनसे भी कहा जाएगा कि जितना संभव हो वर्क फ्रॉम होम के विकल्प को अपनाएं।
केजरीवाल ने बताया कि 14 से 17 नवंबर तक सभी तरह की निर्माण गतिविधियों पर रोक रहेगी। निर्माण कार्य से जुड़ी गतिविधियों का भी वायु प्रदूषण बढ़ाने में बढ़ा योगदान होता है। धूल के कण नाक-मुंह के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं। इसका हमारी सेहत पर बहुत गंभीर असर पड़ता है।
केजरीवाल ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय में स्थिति और खराब होने पर दिल्ली में पूरी तरह से लॉकडाउन लगाने का सुझाव भी आया था। उन्होंने कहा कि अभी पूर्ण लॉकडाउन नहीं लगाया जा रहा है। इसे लेकर एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इस पर केंद्र और विभिन्न एजेंसियों के साथ चर्चा होगी। अगर ऐसा करने की नौबत आई तो निर्माण गतिविधियां रोकने के साथ वाहनों के परिचालन को भी रोकना होगा।
इस दौरान बाजार खुलेंगे रहेगे और व्यावसायिक गतिविधियों सुचारू रहेंगी। बाजारों में रोजमर्रा की चीजें पहली की तरह ही मिलती रहेंगी।