माघ मास के शुक्ल पक्ष के पंचमी तिथि को बंसत पंचमी के रूप मे मनाया जाता है मान्यता है इस दिन विद्या की देवी माता सरस्वती का जन्म हुआ था।
इस बार यह दिवस 5 फरवरी 2022 शनिवार को मनाया जा रहा है।
सूर्य उत्तारयण की यात्रा पर अग्रसर रहता है बसंत ऋतु आज से पूरे सृष्टि को सौन्दर्य प्रदान करने लगती है। बसंत यानी दुखों का अंत, मौसम सुहाना हो जाता है मौसम की आपदा से प्राणियों को निजात मिल जाता है और जीवन सुखदायी महसूस होने लगता है, खेतों में सरसों के पीले फूल प्रकृति की सुन्दरता को और भी बढा देती है ।
इस वर्ष ज्योतिषिय दृष्टि से त्रिवेणी योग बन रहा है जो शिक्षा से संबंधित फैसले लेने
के लिए अत्यंत ही शुभ मानी जाती हैै।
इस दिन पीले रंग के कपडे पहनना बेहद शुभ माना जाता है। इसके पीछे कई पौराणिक मान्यता प्रचलित है परन्तु वैज्ञानिक मान्यता के अनुसार पीला रंग से निगेटिविटी दूर होती है और मन में शांति और ओज की वृद्धि होती है।
बसंत पंचमी का शुभ समय:
5 फरवरी की रात्रि 3 बजकर 47 मिनट से प्रारंभ होकर 6 फरवरी की सुबह 3 बजकर 45 मिनट तक रहेगी।
क्या करें इस दिन:
प्रातः स्नान कर पीली धोती या पीले वस्त्र पहन कर माता सरस्वती पूजा आराधना
करनी चाहिए और विद्या की सफलता, स्मरण शक्ति बढाने की कामना करना चाहिए।
इसके पश्चात मीठे का भोग लगा कर प्रसाद वितरण करना चाहिए।
स्मरण शक्ति बढाने करें
ऐं बीज साधना:ः
विद्यां ददाति विनयं विनयाद् याति पात्रताम्।
पात्रत्वात् धनमाप्नोति धनात् धर्मं ततः सुखम्।।
भावार्थ
ज्ञान विनय देता है। विनय से पात्रता। पात्रता से धन। धन से धर्म और धर्म से सुख की प्राप्ति होती है।
बसंत पंचमी के दिन प्रत्येक जातक को ऐें बीज की साधना करनी चाहिए। बसंत
पंचमी को ऐं बीज की साधना करने से निश्चित ही माता सरस्वती की कृपा प्राप्त होती ही है इसमें किसी भी प्रकार का संशय नही है।
साधना विधि:
माता सरस्वती के पीले पुष्प से सामान्य पूजन कर पीले वस्त्र पहन कर दिये मंत्र की
कम से कम 5 माला जप करना चाहिए!
मंत्र:ः ‘‘ ऐं ‘‘
मंत्र छोटा सा है परन्तु स्मरण शक्ति बढाने के लिए अत्यंत ही कारगार सिद्ध होती है
जिस बालक बालिका की स्मरण शक्ति कम हो पढने के बाद पढा हुआ स्मरण नही रहता उसे इसे नित्य ही 21 बार इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए कुछ ही दिनों बाद उसे स्वयं महसूस होगा कि उसकी स्मरण शक्ति बढ गई है ।
(इस साधना को अन्य दिनों में भी गुरू मार्गदर्शन में करने से पूर्ण लाभ मिलता है।)
— स्वामी श्रेयानंद महाराज
9752626564