- एससी/एसटी कमीशन में विशेष याचिका दायर की
- शिक्षकों के पदों पर होगी कंट्रेक्चुअल भर्ती
ऑल इंडिया यूनिवर्सिटीज एंड कॉलेजिज एससी/एसटी, ओबीसी टीचर्स एसोसिएशन ने डॉ. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ओपन यूनिवर्सिटी, गुजरात द्वारा कंट्रेक्चुअल आधार पर विभिन्न विभागों में भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए निकाले गए विज्ञापन में एसोसिएट प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर आरक्षण ना दिए जाने की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इसके लिए उन्होंने नेशनल एससी/एसटी कमीशन और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में एक विशेष याचिका दायर कर इन पदों को भारत सरकार की आरक्षण नीति को लागू करते हुए पुनः विज्ञापन निकाल बराबर प्रतिनिधित्व दिए जाने की मांग की है।
टीचर्स एसोसिएशन के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने आयोग में दायर याचिका में बताया है कि 6 अगस्त को डॉ. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ओपन यूनिवर्सिटी ने अपने यहाँ विभिन्न विभागों में एसोसिएट प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों का विज्ञापन निकाला है, अभ्यर्थियों को आवेदन करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त दी है जिसमें एसोसिएट प्रोफेसर-7 और असिस्टेंट प्रोफेसर-17 पद दर्शाए है। ये सभी पद कंट्रेक्चुअल भर्ती वह भी पूरी तरह से टेम्परेरी है। उन्होंने बताया है कि एसोसिएट प्रोफेसर, समाजशास्त्र-1, इतिहास-1, राजनीति विज्ञान-1, अर्थशास्त्र-1, एजुकेशन-1, स्पेशल एजुकेशन-1 पद है। इसी तरह असिस्टेंट प्रोफेसर इतिहास-1, अंग्रेजी-3, गुजराती-2, हिंदी-2, लाइब्रेरी साइंस-2, कम्प्यूटर साइंस-2, संस्कृत-1, एजुकेशन-2, स्पेशल एजुकेशन-2 पद है। इन पदों पर यूनिवर्सिटी ने किसी तरह का कोई आरक्षण नहीं दिया जबकि आरक्षण के हिसाब से एसोसिएट प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर के 12 पद बनते है। लेकिन विज्ञापन के अनुसार आरक्षण को पूरी तरह से नकारा गया है।
डॉ. सुमन ने बताया कि एसोसिएट प्रोफेसर को 50 हजार रुपये प्रति माह और असिस्टेंट प्रोफेसर को 30 हजार रुपये प्रति माह के हिसाब से दिए जाएंगे। उनका कहना है कि लंबे समय से जो लोग शिक्षकों की नियुक्तियों का इंतजार कर रहे थे कि कब यूनिवर्सिटी विज्ञापन निकाले। डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर ओपन युनिवर्सिटी ने शिक्षकों की नियुक्ति संबंधी विज्ञापन तो निकाला लेकिन वह कंट्रेक्चुअल/टेम्परेरी है। यदि कंट्रेक्चुअल पदों पर भर्ती प्रक्रिया का विरोध नहीं किया गया तो संभव है कि वह इस नीति को केंद्रीय विश्वविद्यालयों में भी लागू कर सकते है। टीचर्स एसोसिएशन डॉ. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ओपन यूनिवर्सिटी द्वारा एसोसिएट प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों को कंट्रेक्चुअल भर्ती प्रक्रिया शुरू किए जाने का विरोध करता है। इन पदों में यूनिवर्सिटी ने भारत सरकार की आरक्षण नीति का भी सरेआम उल्लंघन किया है।
डॉ. सुमन ने बताया कि विश्वविद्यालयों में लंबे समय से एससी/एसटी /ओबीसी कोटे के शिक्षकों के खाली पद पड़े हुए है जिन्हें समय पर भरा नहीं गया और अब इन पदों को कंट्रेक्चुअल भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से बिना आरक्षण के भरा जा रहा है। डॉ. सुमन ने बताया कि यह सीधे उच्च शिक्षा का प्राइवेटाइजेशन कर आरक्षण नहीं देना है जिसका टीचर्स एसोसिएशन हर स्तर पर विरोध करेगा। उन्होंने आयोग के चेयरमैन से मांग की है कि ओपन यूनिवर्सिटी के विज्ञापन को निरस्त कराके उसमें भारत सरकार की आरक्षण नीति को लागू करते हुए सभी वर्गों को बराबर प्रतिनिधित्व देते हुए विज्ञापन निकाले।