पटना, 13 अगस्त। सवर्ण समाज ने कानून और योजनाओं में बराबरी के हक नहीं मिलने पर भारत बंद की चेतावनी दी है। अखिल भारतीय सवर्ण मोर्चा भारत बंद को लेकर सवर्ण जातियों के संगठनों से बातचीत कर रहा है।
अखिल भारतीय सवर्ण मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजीव कुमार सिंह ने बताया कि वे भारत बंद को लेकर सवर्ण जाति के संगठनों के प्रमुखों के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैैं। बहुत जल्द इस पर फैसला लिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि अखिल भारतीय सवर्ण मोर्चा अब सवर्णों के विकास के लिए सवर्ण मंत्रालय, सवर्ण बजट, सवर्ण आयोग, सवर्ण छात्रवृत्ति, सवर्ण छात्रावास, सवर्ण आवासीय विद्यालय, सवर्ण वित्त निगम, सवर्ण विकास निगम, सवर्ण स्वरोजगार योजना, सवर्ण उद्योग व्यापार स्थापना की योजना, सरकारी नौकरी में उम्र और अवसरों में छूट सहित सवर्ण गरीबी उन्मूलन की योजनाएं को केंद्र और राज्यों में एक साथ लागू करने के लिए इस भारत बंद को व्यापक रूप देने की तैयारी में है।
संजीव कुमार सिंह ने कहा कि देश को जब-जब जरूरत पड़ी सवर्ण समाज ने तन-मन-धन से मदद की। बुरे से बुरे हालात में भी सवर्ण समाज कभी भी देश के प्रति अपने कर्तव्य से विमुख नहीं हुआ। परंतु आजादी के इतने सालों बाद भी सवर्णों को कानून एवं योजनाओं में बांधकर जबरन गरीब, कमजोर, लाचार, बेरोजगार, फटेहाल, आवास विहीन, भूमिहीन और उच्च शिक्षा विहीन बनाया जा रहा है। सवर्ण समाज के खिलाफ एक सामूहिक राजनीतिक और सामाजिक साजिश रची जा रही है। आज तक कोई भी राजनीतिक दल चाहे सत्ताधारी हो या विपक्ष करोड़ों सवर्णों के लिए कभी खड़े नहीं हुए। सबके सब सवर्णों के खिलाफ विनाशक एवं विरोधी चरित्र अपनाएं हुए हैं। अखिल भारतीय सवर्ण मोर्चा पिछले बीस साल से सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक सवर्ण के हक की लड़ाई लड़ रहा है। परंतु केंद्र हो या राज्य सरकारें सवर्णों को कानून और योजनाओं में बराबरी का हक अधिकार देने को तैयार नहीं है। इसलिए सवर्ण समाज अपने हक के लिए विशाल क्राांति करने को तैयार है।
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