- 50 किलो वर्ग में वियतनाम की ताम एनगुन को 5-0 से हराया
आज शाम को मैंने दिल थाम कर 50 किलो वर्ग में विश्व महिला मुक्केबाजी का फाइनल देखा। निखत जरीन का मुकाबला वियतनाम की ताम एनगुन से था। वह निखत से लंबी थी और साफ था कि एडवांटेज भी उसी को मिलना था। ताम एशियन चैंपियन रही है। लेकिन पहले राउंड में निखत ने डोमिनेट किया। पांचों जज ने उसे दस प्वाइंट दिये। जबकि ताम को 9 अंक मिले। दूसरे राउंड में स्पलिट डिसीजन में ताम 3-2 से आगे निकल गयी। तीसरे राउंड में निखत ने आक्रामक बाक्सिंग की। दर्शकों ने भी उनका मनोबल बढ़ाया। डिसिजन निखत के पक्ष में रहा और सभी जजों ने उसे विजेता करार दिया।
निखत की यह जीत इसलिए भी मायने रखती है कि वह सदमे से उबरी है। ओलंपिक में भाग लेने के लिए मैरीकॉम से ट्रायल में बुरी तरह हार गयी थी। उसने अपने को निखारा और संभाला। पिता मोहम्मद जीमल क्रिकेटर थे चाहते थे उनकी तीन बेटियों में कोई उनकी खेल विरासत संभाले। निखत की दो बहनें डाक्टर बन गयी तो निखत ने बाक्सिंग ग्लब्स पहन लिये। 2011 में यूथ वर्ल्ड बाक्सिंग में गोल्ड जीता लेकिन विश्व चैंपियन बनने में उन्हें 11 साल का इंतजार करना पड़ा। इस दौरान बहुत संघर्ष और मेहनत की। मेहनत रंग लाई और आज वह विश्व चैंपियन बन गयी।
[वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]
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