वाह, एमपी पुलिस, जांच कर रही कि किस नियम के तहत पत्रकारों को अर्द्धनग्न किया गया?

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file photo source: social media
  • यूट्यूबर को कैमरामैन समेत थाने में अर्द्धनग्न कर परेड निकाली

मध्य प्रदेश के सीधी ज़िले के एक थाने में पत्रकार और रंगकर्मियों के अर्धनग्न तस्वीरों को वायरल करने के बाद स्थानीय पुलिस सवालों के घेरे में है।.जिन लोगों की तस्वीर को वायरल किया गया, उनमें पत्रकार कनिष्क तिवारी और उनका कैमरामैन भी है। कनिष्क यूटयूब चैनल चलाते हैं। इस घटना को कवर करने थाने में गये थे, पुलिस ने उन्हें भी नहीं बख्शा। आरोप है कि ये लोग एक स्थानीय रंगकर्मी की गिरफ़्तारी का विरोध कर रहे थे। जिसके बाद पुलिस ने इन सभी को पकड़ कर उनके कपड़े उतरवाए और थाने में इनकी परेड निकाली।
यह घटना 2 अप्रैल की है। सीधी ज़िले के एसएसपी मुकेश कुमार कहते हैं, नीरज कुंदेर एक रंगकर्मी हैं, उनकी गिरफ़्तारी के बाद लोग प्रदर्शन करने आए थे। थाने के बाहर आपत्तिजनक नारेबाज़ी कर रहे थे। पुलिस ने उन्हें समझाया, लेकिन वो नहीं माने। देर रात में प्रदर्शनकारियों को भी हिरासत में लिया गया था और विधिवत 151 के तहत गिरफ़्तार भी किया गया था।
हिरासत में लिए गये लोगों को अर्द्धनग्न क्यों किया गया, इस पर पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार कहते हैं, किन परिस्थितियों में ऐसा हुआ है, किन नियमों के तहत ऐसा किया गया है हम इसकी जांच करा रहे हैं, यदि ये नियम विरुद्ध हुआ तो हम थाना प्रभारी समेत बाकी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करेंगे।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

…और बोड़ बिगड़ गया

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