इस लग्न में जन्में जातक निर्भीक, उदार व स्वाभिमानी होते हैं

1801

सिंह लग्नः वैदिक ज्योतिष में इस लग्न का अपना ही स्थान है। किसी व्यक्ति का जन्म सिंह लग्न में होना, कई अद्वितीय गुण देने वाला होता है। आप आश्चार्यचकित हो सकते है कि इस लग्न चिन्ह को एक बढ़ते हुए राशि चिन्ह के रुप में भी जाना जाता है जो आपके व्यक्तित्व के साथ साथ आपके सूर्य राशि को भी प्रभावित कर सकता है।

सिंह लग्न का स्वामी सूर्य है, सूर्य सभी ग्रहों का राजा होने के साथ साथ एक तेजस्वी, ओजयुक्त पौरुष का प्रतिनिधितव करता है। सिंह लग्न में जन्में जातक निर्भीक, उदार व स्वाभिमानी होते है। सूर्य आत्मकारक ग्रह है अतः सूर्य को आत्मशक्ति एवं आत्म विश्वास का कारक माना गया है इसीलिए सिंह लग्न के जातको में आत्मविश्वास की कभी कम नहीं होते है जीवन की कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी नहीं घबराते है।

सिंह लग्न में व्यापार की स्थिति दशम भाव से जानी जाती है। दशम भाव व्यापार, नौकरी, प्रशासनिक कार्य, पिता का सहयोग, संचार भाव एवं राजनीति इत्यादि दर्शाती है। सिंह लग्न का स्वामी सूर्य अगर दशम भाव में बैठा हो तो जातक के उच्च सरकारी नौकरी या बड़ा व्यापार करता है।

दिनेश अग्रवाल
(निःशुल्क कुंडली विवेचन के लिए संपर्क करें: 9911275734)

इस लग्न के जातकों का निवास स्थान और जनसंपर्क उच्च कोटि का होता

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here