ओवल, 6 सितंबर। इंग्लैंड के द ओवल क्रिकेट मैदान में भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे चौथे टेस्ट में टीम इंडिया ने 157 रन से जीत दर्ज की है। भारत ने इंग्लैंड को 368 रनों का लक्ष्य दिया था, लेकिन मेजबान टीम 210 रन पर ढेर हो गई। भारत ने मुकाबला जीतकर सीरीज में 2-1 की बढ़त बना ली है। इतना ही नहीं यह जीत भी ऐतिहासिक रही क्योंकि भारत ने 50 साल बाद ओवल के मैदान पर टेस्ट मैच जीता है। मैच में भारतीय गेंदबाजों का शानदार प्रदर्शन रहा। गेंदबाज उमेश यादव ने 3, जबकि जसप्रीत बुमराह, शार्दूल ठाकुर और रवींद्र जडेजा ने दो-दो विकेट चटकाए।
आज इंग्लैंड मजबूत स्थिति में नजर आ रहा था और लग भी रहा था कि टीम मैच ड्रॉ कराने में सफल रहेगी, लेकिन भारतीय गेंदबाजों के आगे मध्यक्रम पूरी तरह ढह गया। टीम का एक भी खिलाड़ी विकेट पर खड़े रहने का साहस नहीं दिखा सका। इंग्लैंड ने 52 रनों के भीतर एक के बाद एक अपने 6 विकेट गंवाए। यहां से भारतीय गेंदबाजों ने इंग्लैंड को वापसी का मौका नहीं दिया और शानदार जीत दर्ज की।
जसप्रीत बुमराह भारत के लिए सबसे तेज 100 टेस्ट विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज बन गए हैं। बुमराह ने सिर्फ 24 मैचों में यह रिकॉर्ड अपने नाम किया। उनसे पहले भारत के लिए सबसे तेज 100 विकेट लेने का रिकॉर्ड बतौर तेज गेंदबाज कपिल देव (25) के नाम पर दर्ज था। कपिल के बाद इरफान पठान (28), मोहम्मद शमी (29) और जवागल श्रीनाथ (30) के नाम आते हैं।
बुमराह ने ओली पोप (2) को आउट कर यह रिकॉर्ड बनाया। पोप के विकेट के बाद उन्होंने अपने अगले ही ओवर में जॉनी बेयरस्टो (0) को क्लीन बोल्ड कर भारत को पांचवीं सफलता दिलाई। जडेजा ने मोइन अली को शून्य पर पवेलियन भेज कर इंग्लैंड की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। इसके बाद जो रूट ने पारी को संभालने का काम किया, लेकिन शार्दूल ठाकुर ने उनको आउट कर भारत की जीत लगभग पक्की कर दी। रूट 36 पर आउट होकर पवेलियन लौटे। पांचवें दिन भारत को पहली सफलता शार्दूल ठाकुर ने रोरी बर्न्स (50) को आउट कर दिलाई। पहले विकेट के लिए रोरी बर्न्स और हासीब हमीद ने 100 रन जोड़े। इसके कुछ समय बाद सब्स्टिट्यूट फील्डर मयंक अग्रवाल ने शानदार फील्डिंग करते हुए डेविड मलान को रन आउट कर भारत को दूसरी कामयाबी दिलाई।
112 के स्कोर पर मोहम्मद सिराज ने रवींद्र जडेजा की गेंद पर मिड-ऑन पर फील्डिंग करते हुए हासीब हमीद का आसान सा कैच छोड़ दिया। उस समय हमीद 55 पर बल्लेबाजी कर रहे थे। हालांकि, लंच के बाद जडेजा ने हमीद (63) को क्लीन बोल्ड कर भारत को तीसरी सफलता दिलाई। ओवल के मैदान पर आखिरी बार सबसे सफल चेज साल 1902 में देखने को मिला था। उस समय ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड के सामने 263 रनों का टारगेट रखा था, जिसे इंग्लैंड ने 9 विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया था। उसके बाद 1963 में वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड के सामने 253 रनों का लक्ष्य रखा था, जिसे मेजबान ने सिर्फ 2 विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया था। इस बार इंग्लैंड से एक बड़े करिश्मे की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सका।
ओवल में पिछले 10 टेस्ट मैचों में इंग्लैंड की यह चौथी हार रही। ये चार मुकाबले मेजबान टीम ने साउथ अफ्रीका, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया और भारत के खिलाफ गंवाए। साथ ही पिछले चार मैचों में इंग्लैंड को पहली बार इस मैदान पर हार का सामना करना पड़ा। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल अथर्टन ने चौथे दिन के खेल के बाद इंग्लैंड को जीत का प्रबल दावेदार बताया था। स्काई स्पोर्ट्स से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि यह बहुत सपाट विकेट है, बहुत कुछ नहीं हो रहा है और फिर आप भारत के गेंदबाजी आक्रमण को ही देख लीजिए। टीम के पास न शमी, न ईशांत, न अश्विन हैं। पहली पारी में भारत बुमराह पर ही निर्भर नजर आ रही थी। जडेजा का कितना प्रभाव होगा? उनका प्रभाव हो सकता है, (लेकिन) यह एक अच्छी पिच है।
[साभारः एजेंसियां]
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