फिल्म समीक्षा
राधे योर मोस्ट वांटेड भाई फिल्म रिलीज हो गई, लेकिन इस फिल्म का जितना बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था, लोगों को इस फिल्म से उतनी ही निराशा हुई है। समीक्षा से पहले आप सबसे एक सवाल–आप सलमान खान की फिल्मों में क्या देखने जाते हैं? कहानी, डायलॉग या सलमान की स्टाइल? हमारी तरफ से जवाब इस आर्टिकल के अंत में है।
दबंग के बाद सलमान खान एक बार फिर इस फिल्म में पुलिस वाले बने हैं। बिना वर्दी का पुलिस वाला, यानी एक एंकाउंटर स्पेशलिस्ट, जिसका नाम राधे है। कहानी का बैकग्राउंड मुंबई का है, जहां एक ड्रग माफिया का खौफ है, ऐसे में राधे कैसे इस माफिया पर जीत हासिल करता है-मोटे तौर पर इस फिल्म का यही वन लाइनर है।
जाहिर है इस वन लाइनर को जानकर आप कहेंगे-भला इसमें नया क्या है?
तो हम भी यही कहेंगे कि सलमान खान की फिल्म में कुछ नया खोजने की जरूरत ही क्या है? जिस फिल्म में सलमान हों-उसमें नया पुराना जैसा कुछ नहीं देखा जाता। बस, सलमान होना चाहिये-वो भी शुरू से आखिर तक। सलमान देखिये और खुश हो जाइये।
वैसे यह फिल्म साल 2009 में आई सलमान खान की ही वॉन्टेड की याद दिलाती है। सलमान खान और प्रभु देवा ने ऐसा लगता है उसी को नये अंदाज में पेश किया है।
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प्रभु देवा होने का मतलब तो आप समझते ही हैं-साउथ स्टाइल के स्टंट और इफेक्टस का मास्टर होना। हिंदी फिल्म के दर्शकों को किसी बॉलीवुड स्टार पर ऐसे लटके झकटे कुछ अलग टेस्ट दे जाते हैं। लिहाजा लोगों को पसंद आ जाता है। सलमान खान, अजय देवगन पर ये फिट भी बैठते हैं।
सलमान खान फिल्म के मुख्य कलाकार होने के साथ-साथ प्रोड्यूसर भी हैं। यह एक नई बात है।
अन्य कलाकारों में सलमान खान के अपोजिट अभिनेत्री दिशा पाटनी है, जिसका उपयोग गाने और ग्लैमर के लिए ज्यादा हुआ है,जैसा कि आमतौर पर सलमान खान की दूसरी फिल्मों में किसी हीरोइन का इस्तेमाल होता है।
वहीं रणदीप हुड्डा मुख्य खलनायक हैं, जिनको सलमान खान के प्रभाव के आगे फीका करके रखा गया लगता है लेकिन रणवीर ने अभिनय ठीकठाक कर लिया है।
वैसे सलमान को इस बात की दाद देनी होगी कि बिना खास कहानी के भी वो अपनी फिल्मों में कैसे इतनी गंभीरता से कैसे काम कर लेते हैं? उन्हें कहानी होने न होने से फर्क क्यों नहीं पड़ता?
इस आर्टिकल की शुरुआत में हमने आपसे पूछा था कि सलमान की फिल्म में आपको क्या देखना ज्यादा पसंद है-कहानी, डायलॉग या सलमान की स्टाइल?
जाहिर है राधे देखने के बाद किसी को भी यह बात उसके जेहन में आ सकती है कि सलमान की फिल्मों में उसकी स्टाइल की सबसे अधिक सेलेबल है। उसके बाद डांस, डायलॉग और सबसे अंत में कहानी।
क्योंकि सलमान की फिल्में आप गौर से देख लिजिये तो शुरू से आखिर तक बस सलमान ही फिल्म की कहानी होते हैं। कहानी के हर हिस्से में सलमान, सीन दर सीन सलमान; और जिस फिल्म में सलमान कम दिखे, वह फिल्म फ्लॉप हो जाती है। जैसे ट्यूबलाइट याद होगी।
यानी डायरेक्टर और स्क्रीप्ट राइटर ने सलमान को लेकर दर्शकों की फीलिंग को पकड़ लिया है, लिहाजा जो दर्शक देखना चाहते हैं-वही सलमान की फिल्म में दिखाया जाता है।
हालांकि राधे को नई बोतल में पुरानी शराब जरूर कहा जा सकता है–लेकिन शराब तो शराब है, नई पुरानी होने से उसका असर तो कम नहीं हो जाता। सलमान शराब हैं, उसे नई बोतल में रखिये या पुरानी बोतल में-दर्शकों को नशा हर हाल में देते हैं। कहानी वाले कहानी खोजते रहें, नयेपन की तलाश करने वाले नयापन खोजते रहें, लेकिन सलमान को पता है कि लोग उसकी स्टाइल और नाच-गाने के दीवाने हैं-तो वो वही करेंगे जो ज्यादातर लोगों को पसंद हो।
यानी कोरोना काल में ईद के मौके पर रिलीज इस बार फिर सलमान खान ने अपने पॉपुलर स्टाइल से मनोरंजन का मौसम बदल दिया। क्योंकि पिछले डेढ़ साल में लॉकडाउन के दौरान रिलीज यह एक बड़े बजट की फ़िल्म है, ऐसे में दर्शकों के सामने फिलहाल कोई दूसरा विकल्प भी नहीं है। राधे पसंद करें या नापसंद, इससे सलमान खान को कुछ फर्क नहीं पड़ने वाला।
राधे योर मोस्ट वांटेड भाई को 2 स्टार ।
-कल्पना कुमारी
[साभार: www.epictureplus.com]