तेरी यादों के जज्बातों में कहीं खो गया हूं मैं
अपने आप से ही किस कदर दूर हो गया हूं मैं
तुम्हे पाने की चाहत में कहीं गुम हो गया हूं मैं
इसी दुनिया की निगाहों में दीवाना सा हो गया हूं मैं
मेरी तो बस यही ख्वाहिश है कि तेरा ही हो जाऊं मैं
तेरी जुल्फों के साए में सदा के लिए सो जाऊं मैं।
(एस.एस. डोगरा)