गब्बर इज बैक, सावधान डाक्टर साब!

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file photo source: social media
  • अब तीन महीने में बहुर जाएंगे चौबट्टाखाल के दिन
    सड़कें होंगी चकाचक और पीएचसी में बैठेंगे विशेषज्ञ डाक्टर

आज साढ़े चार साल बाद पहली बार लगा कि चौबट्टाखाल का कोई माई बाप है। अपने लोकप्रिय, जनप्रिय, विकास पुरुष, रेल पुरुष समेत अनेक उपाधियां धारण किये हुए महाराज जी ने सतपुली के संयुक्त चिकित्सालय में डाक्टरों की जमकर क्लास ली। उनकी दहाड़ सुनकर डाक्टर और स्टाफ ठगे से थे और चमचे ताली बजा रहे थे। ठीक गब्बर इज बैक फिल्म का सा सीन था। मजा आ गया। ये डाक्टर पता नहीं कहां गायब हो जाते हैं। मंत्री जी ने सही फटकारा।
चार-चार रजिस्ट्रर हैं। ठीक ऐसे ही जैसे नेता लोग मेनटेंन करते हैं। किस चीफ इंजीनियर से कितना आया, अलग रजिस्टर किस एसई-एक्सईएन से कितना आया अलग रजिस्टर, किस एई और किस जेई से क्या-क्या मिला। सब अलग-अलग रजिस्टर। इन डाक्टरों की इतनी हिम्मत कि वो नेताओं की बराबरी करें। महाराज जी आप धन्य हैं। यूं ही आपको महाराज थोड़ी कहते हैं। आपके हृदय में जनता के लिए जो असीम प्रेम है, उससे साफ पता चलता है कि वह दिन दूर नहीं जब चौबट्टाखाल में पीएचसी में भी विशेषज्ञ डाक्टर होंगे। अच्छे स्कूल होंगे। सड़कें चकाचक होंगी और संचार सुविधाएं दुरस्त। गांव के हर हाथ को काम मिलेगा। तीन महीने में ही चौबट्टाखाल के दिन बहुर जाएंगे।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

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