वैक्‍सीन इक्विटीः निःशक्‍त जनों के लिए कबीर बेदी के नेतृत्‍व में पहल

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नई दिल्‍ली, 22 जुलाई। जहां एक ओर पूरी दुनिया कोविड-19 से जूझ रही है, वहीं वैक्‍सीनेशन का विकल्‍प इस वायरस के खिलाफ लड़ाई में प्रमुख हथियार के रूप में उभरा है। भारत अब तक अपने 38 करोड़ नागरिकों को वैक्‍सीन की पहली खुराक दे चुका है। लेकिन अभी भी कई लोग ऐसे हैं जो इस सोच में पड़े हैं कि उन्‍हें वैक्‍सीन किस प्रकार मिल सकती है। निःशक्‍त जन ऐसा ही एक समूह है।
निःशक्‍त जनों के साथ काम करने वाले संगठन साइटसेवर्स ने वैक्‍सीन इक्विटी सुनिश्चित करने की जिम्‍मेदारी ली है। संगठन ने सरकार से निःशक्‍त जनों के लिए वैक्‍सीन नीति बनाने का अनुरोध किया है ताकि देश में ऐसे हर इंसान की पहुंच वैक्‍सीनेशन तक हो सके। अंतरराष्‍ट्रीय ख्‍याति प्राप्‍त एक्‍टर कबीर बेदी ने, जो कि साइटसेवर्स के मानद ब्रैंड एंबेसडर हैं, कहा, ‘इस कोविड महामारी में, जबकि हम सब वैक्‍सीन ले रहे हैं, ऐसे में हमें निःशक्‍तता से प्रभावित लोगों को भी वैक्‍सीनेशन का लाभ दिलाने से नहीं चूकना चाहिए। खासतौर से ऐसे लोगों का ख्‍याल रखा जाना चाहिए जो नेत्रहीन हैं या ऐसी किसी निःशक्‍तता से प्रभावित हैं जिसकी वजह से वे वैक्‍सीनेशन सेंटर नहीं जा सकते। हम सभी मिलकर ही वायरस के खिलाफ जारी इस युद्ध को जीत सकते हैं। साइटसेवर्स इंडिया की पहल वैक्‍सीन इक्विटी का समर्थन करें और किसी को भी इस अभियान में पीछे नहीं छोड़ें। निःशक्‍त लोगों को अपने आपको, अपने परिजनों को तथा भारत के लिए वैक्‍सीन लेने में मदद करें।‘
2020 विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन निःशक्‍तता रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकारों को- सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य सूचनाओं एवं संचार को सुगम बनाना चाहिए, निःशक्‍त लोगों एवं उनके सपोर्ट नेटवर्कों, एवं समाज में निःशक्‍त जनों को लक्षित करने वाले सेवा प्रदान करने वाले संगठनों के लिए लक्षित उपायों को लागू करना चाहिए तथा संस्‍थागत व्‍यवस्‍था और सुधार सुविधाओं में रहने वाले अधिक जोखिमग्रस्‍त लोगों के लिए उपाय करने के साथ-साथ निःशक्‍त लोगों की जरूरतों को ध्‍यान में रखते हुए आपातकालीन उपाय भी करने चाहिए।
साइटसेवर्स इंडिया के सीईओ आर एन मोहंती ने कहा कि महामारी ने खासतौर से निःशक्‍त लोगों पर अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। महामारी से निपटने के लिए तैयार की जाने वाली किसी भी नीति में ऐसे लोगों की जरूरतों को खासतौर से ध्‍यान में रखकर प्रावधान होने चाहिए। साइटसेवर्स के इक्‍वल वर्ल्ड वैक्‍सीन इक्विटी कैम्‍पेन के माध्‍यम से स्‍थानीय सरकारों को कोविड-19 वैक्‍सनेशन के संबंध में वातावरण तैयार करने के लिए स्‍थानीय सरकारों को समर्थन देने के मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाई जानी है। हम निःशक्‍त लोगों को कोविड-19 वैक्‍सीनेशन के फायदों के बारे में भी जागरूक बनाना चाहते हैं ताकि इस संबंध में कोई संकोच न रहे।
भारत में करीब 2.68 करोड़ निःशक्‍त जन हैं जो कुल आबादी का 2.21 फीसदी हैं। साइटसेवर्स ने अपने इक्‍वल वर्ल्ड वैक्‍सीन इक्विटी घोषणा-पत्र में भारत सरकार तथा सभी राज्‍य सरकारों से अनुरोध किया है कि निःशक्‍तता से प्रभावित लोगों के लिए कोविड-19 वैक्‍सीनेशन के मामले में समानता का सिद्धांत सुनिश्चित किया जाए, और इसे समाप्‍त करने के लिए निम्‍न कदम उठाने का आह्वान किया है।
1. सभी निःशक्‍त जनों का वैक्‍सीनेशन उनके घरों के नजदीक कराने की व्‍यवस्‍था हो। जो लोग चलने-फरने में असमर्थ हैं या किसी वजह से बिस्‍तर तक सिमट गए हैं, उनके घरों में ही वैक्‍सीनेशन की व्‍यवस्‍था की जानी चाहिए।
2. निःशक्‍त जनों की देखभाल करने वाले लोगों को भी उनके साथ ही वैक्‍सीनेश्‍न देने का इंतजाम होना चाहिए।
3. जिन केंद्रों में वैक्‍सीनेशन किया जाना है, वे एक्‍सेसिबल हों तथा निःशक्‍तता प्रभावित लोगों की सहायता का प्रावधान होना चाहिए।
4. जो निःशक्‍त जन वैक्‍सीनेशन सेंटर तक नहीं पहुंच सकते, उनके लिए तथा उनके केयरगिवर्स के लिए ट्रांसपोर्ट की सुविधा होनी चाहिए।
5. कोविड-19 वैक्‍सीनेशन के लिए नामांकन तथा इसके फायदों के बारे में सूचा एक्‍सेसिबल फॉर्मेट में उपलब्‍ध होनी चाहिए और उसे हॉटलाइंस के जरिए भी सुगम बनाना चाहिए ताकि निरूशक्‍त जन कोविड-19 से लड़ सकें। निःशक्‍त जनों तथा उनके केयरगिवर्स के लिए वैक्‍सीनेशन की प्रक्रिया आसान होनी चाहिए।
6. सभी कैम्‍पेन्‍स सर्वसमाहित करने वाले तथा जैंडर को ध्‍यान में रखते हुए, निःशक्‍त जनों के लिए सुगम होने चाहिए। इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया, खासतौर से रेडियो और टेलीविजन की मदद से वैक्‍सीन संबंधी संकोच दूर करने पर काम करना चाहिए। निःशक्‍त महिलाओं के लिए खासतौर से विशेष अभियान और कैम्‍पेन्‍स चलाने चाहिए।
7. वैक्‍सीन एंबेसडर्स जिनमें सेलिब्रेटीज, स्‍पोर्ट्सपर्सन्‍स, पैरालम्यिन्‍स, धार्मिक नेता, सामुदायिक नेता, पीआरआई नेता और निःशक्‍त महिलाएं शामिल हैं, की भर्ती की जानी चाहिए जो निःशक्‍तता से ग्रस्‍त लोगों को वैक्‍सीन लेने के लिए प्रेरित कर सकें और उनके मन में उठने वाले संशय भी दूर कर सकें।
8. निःशक्‍त लोगों (जो पहले ही वैक्‍सीन ले चुके हैं) को जिला प्रशासन के साथ मिलकर वैक्‍सीनेशन को बढ़ावा देने के मकसद से रोल मॉडल के तौर पर काम करना चाहिए और लोगों के मन में बैठे डर तथा गलत धारणाओं को दूर करना चाहिए।
9. सभी राज्‍यों को वैक्‍सीनेशन के संबंध में जैंडर एवं उम्र तथा निरूशक्‍तता को ध्‍यान में रखकर आंकड़े रखने चाहिए।
10. राज्‍य तथा जिला स्‍तरीय वैक्‍सीनेशन अभियानों के लिए राज्‍यों एवं जिलों में निःशक्‍त लोगों के संगठनों (ओपीडी) को नीति-निर्माण, क्रियान्‍यवयन एवं निगरानी के सभी चरणों में शामिल करना चाहिए और साथ ही जिला स्‍तरीय कोविड कार्य बलों में भी उनकी मदद लेनी चाहिए।
हम तभी सुरक्षित हो सकते हैं जबकि हम सब सुरक्षित हैं। इसके लिए, यह जरूरी है कि निःशक्‍त लोगों के लिए वैक्‍सीन इक्विटी सुनिश्चित की जाए और साथ ही, उनके लिए पूरी व्‍यवस्‍था को सुगम बनाया जाए।

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