धर्मशाला, 18 जुलाई। उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि जिला कांगड़ा में आपदा से निपटने के लिए 15 करोड़ 31 लाख की राशि उपमंडलाधिकारियों को जारी कर दी गई है। इससे राहत तथा पुनर्वास के कार्यों में तेजी आएगी। साथ ही उपमंडल स्तर पर आपदा से निपटने के लिए उपकरण भी पहले ही उपलब्ध करवाए जा चुके हैं। उपायुक्त ने कहा कि शाहपुर के राजोल में खड्ड के बहाव को बदलने के लिए दस लाख की राशि लोक निर्माण विभाग को जारी कर दी है ताकि कार्य में तेजी लाई जा सके।
उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि गत दिनों भारी बारिश से हुए नुक्सान का आकलन भी तैयार किया गया है तथा प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए कारगर कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि राहत तथा पुनर्वास कार्यों में किसी भी तरह कोताही नहीं बरतने के निर्देश दिए गए हैं। उपायुक्त ने कहा कि जिला कांगड़ा में बारिश से प्रभावितों को 15 लाख की आर्थिक राहत पहले ही दी जा चुकी है। इसमें शाहपुर उपमंडल में 17 के करीब लोगों को तीन लाख बीस हजार तथा राशन रसोई गैस सिलेंडर, बिस्तरों इत्यादि की व्यवस्था भी की गई है। साथ ही धर्मशाला उपमंडल में एक लाख 92 हजार की मदद प्रभावितों को दी गई है। चैतडू में प्रभावित करीब 294 लोगों को बगली में रिलीफ कैंप में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं। इसके साथ ही प्रभावित बच्चों को सराहां हास्टल में रहने की व्यवस्था की गई थी। इन लोगों का मेडिकल चेकअप भी किया गया है। पालमपुर उपमंडल में तीन लाख 19 हजार तथा नुरपुर उपमंडल में छह लाख 15 हजार की आर्थिक राहत प्रभावितों को दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए भी उचित कदम उठाए जा रहे हैं। जिनके घर बाढ़ के कारण पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं उन के लिए गृह निर्माण के लिए भूमि का चयन किया जा रहा है ताकि बेघर लोगों का पुनर्वास हो सके।
उपायुक्त ने कहा कि जिला स्तर पर पुनर्वास और राहत कार्यों की सुचारू मॉनिटरिंग की जा रही है, इसके लिए नियमित तौर समीक्षा बैठक भी आयोजित की जा रही हैं ताकि किसी भी स्तर पर कार्यों में कमी नहीं रहे और लोगों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। उपायुक्त ने कहा कि आपदाओं से निपटने के लिए जिला तथा उपमंडल स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं मानसून सीजन में यह कंट्रोल रूम 24 घंटे खुले रहेंगे ताकि आपदा से त्वरित प्रभाव से निपटा जा सके। आपदा की स्थिति में जिला मुख्यालय कंट्रोल रूम से टोल फ्री नंबर 1077 पर संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मानसून सीजन के दौरान आपदा प्रबंधन से जुड़े कार्यों के लिए सभी विभागों द्वारा नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं ताकि आपदा प्रबंधन का कार्य सुचारू रूप से सके। उन्होंने कहा कि मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी नियमित तौर पर लोगों तक पहुंचाने के लिए भी उपयुक्त कदम उठाए गए हैं ताकि आम जनमानस पहले से ही मौसम को लेकर पहले से अलर्ट रहें।
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