केदारनाथ की जंग में भाजपा बैकफुट पर

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  • पूरे चुनाव प्रचार में डिफेंसिव रही भाजपा, कांग्रेस रही आक्रामक
  • गणेश गोदियाल पड़े भारी, अजेंद्र अजय ही रहे हमलावर

केदारनाथ उपचुनाव आज है। मतदान चल रहा है। इस सीट पर 90 हजार 800 मतदाता हैं। यहां महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है। 173 बूथों पर मतदान हो रहा है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं। 6 उम्मीदवार हैं लेकिन मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही सिमट रहा है। चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के गणेश गोदियाल ने अपनी पूरी ताकत मनोज रावत के समर्थन में झोंकी। प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और पूर्व सीएम हरीश रावत भी चुनाव प्रचार में कूदे। कांग्रेस ने रोजगार, महंगाई, भ्रष्टाचार और केदारनाथ धाम के मामले में भाजपा पर जमकर प्रहार किए। गणेश गोदियाल के गढ़वाली में दिए भाषण और भाजपा पर किए गए वारों से भाजपाई कराहने लगे। यहां तक कि भाजपाई उम्मीदवार आशा नौटियाल को जनता की सहानुभूति लेने के लिए आंसू भी बहाने पड़े।
चुनाव प्रचार में भाजपा नेता दब्बू साबित हुए। उनका मुंह बंद ही रहा। कांग्रेस के एग्रेसिव अटैक का वो डिफेंस करते ही नजर आए। हां, बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कुछ मोर्चा जरूर संभाला। उन्होंने गणेश गोदियाल और कांग्रेस पर काउंटर अटैक किए। अजय को भाजपा ने चुनाव प्रचार के पहले चरण में उपेक्षित रखा लेकिन जब वह चुनाव प्रचार में उतरे तो उन्होंने तीर्थपुरोहितों की भाजपा के प्रति नाराजगी को दूर करने का काम किया। साथ ही केदारनाथ के सोने के पीतल होने की सच्चाई भी जनता को बताने की कोशिश की। महेंद्र भट्ट, सीएम धामी चुनावी मैदान में ही डटे रहे हैं। लेकिन उनका प्रचार भी डिफेंसिव ही रहा है।
हो सकता है कि भाजपा यह चुनाव जीत भी जाएं, लेकिन इस चुनाव में सीएम धामी और भाजपा के दिग्गजों की साख दांव पर लगी है। कांग्रेस के साथ लाभ यह है कि उनके पास खोने को कुछ नहीं है। यह सीट भाजपा को चली गई तो उनकी ही थी और जीत गए तो बल्ले-बल्ले।
(वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार)

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