देखो, डाक्टर्स ही डाक्टर्स!

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  • प्रदेश में डाक्टरों की नर्सरी है बलूनी क्लासेस
  • यदि प्रतिभा है, हौसला है तो फिर बलूनी है तो मुमकिन है

आज देहरादून के सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल में स्कूली बच्चों से अधिक अप्रिन पहने और गले में स्टेथोस्कोप लटकाए भावी डाक्टर घूम रहे थे। उन्हें स्कूल के नन्हें नौनिहाल उत्सुकता से तो बड़े लोग गर्व से देख रहे थे। मौका था बलूनी क्लासेस के द्वारा मेडिकल स्टूडेंट्स के सम्मान का। ये भावी डाक्टर एसबीपीएस और बलूनी क्लासेस की नर्सरी से निकले और आज देश के विभिन्न मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस की शिक्षा हासिल कर रहे हैं। इनमें से अधिकांश बच्चे बलूनी क्लासेस के सुपर-50 से निकले हैं। सुपर-50 में सलेक्ट बच्चों को बलूनी क्लासेस निःशुल्क कोचिंग देता है। प्रदेश में मौजूदा समय में एमबीबीएस कर रहा हर तीसरा छात्र बलूनी क्लासेस की कोचिंग से निकला है।
सीएम के अपर सचिव ललित मोहन रयाल और मेडिकल एजूकेशन डायरेक्टर डा. आशुतोष सयाना ने इन 250 प्रतिभावान मेडिकल स्टूडेंट्स को सम्मानित किया। बलूनी क्लासेस के एमडी विपिन बलूनी के अनुसार संस्थान के चेयरमैन डॉ. नवीन बलूनी का सपना है कि प्रदेश के हर घर में डाक्टर हो अपना। इसी सपने को चरितार्थ कर रहा है बलूनी क्लासेस।
(वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार)

 

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