- आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के आंकड़े सही या मैंकंजी कंपनी के?
- पर कैपिटा इनकम और अर्थव्यवस्था के आकार के आंकड़े भी अलग-अलग
कल मैं अचानक चौंक गया। नियोजन सचिव मीनाक्षीसुंदरम ने मीडिया के साथ वार्ता की और आर्थिक प्रगति की आधी-अधूरी जानकारी मीडिया को दी। ये जानकारी फरवरी में जारी आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में पहले से ही उपलब्ध थी। इसमें मीनाक्षी ने प्रति व्यक्ति आय को ही घटा दिया। आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में पर कैपिटा इनकम 2 लाख 60 हजार 201 रुपये बताई गई, मीनाक्षी ने इसमें 201 रुपये कम बताए। उन्होंने बताया गया कि मैकेंजी कंपनी की रिपोर्ट है। अब सरकार ही बताएं कि मैंकंजी के आंकड़ों को सही माने या फरवरी 2024 में विधानसभा में पेश की गई आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट को।
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में सबसे ज्यादा जीडीपी हरिद्वार जिले की है। यहां 85,636 करोड़ रुपये की जीडीपी है। जबकि, राज्य में सबसे कम जीडीपी रुद्रप्रयाग जिले की है। यहां की जीडीपी मात्र 2,838 करोड़ रुपये है। यानी उत्तराखंड के भीतर पर्वतीय और मैदानी जिलों में जीडीपी को लेकर भारी अंतर है। इसी तरह प्रति व्यक्ति आय में भी भले ही ओवरऑल प्रति व्यक्ति आय बढ़ती हुई दिखाई दे रही है, लेकिन मैदानी जिलों में इसका लोगों को ज्यादा फायदा मिल रहा है। जबकि, पर्वतीय जिलों में उस लिहाज से प्रति व्यक्ति आय नहीं बढ़ रही है।
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश की अर्थव्यस्था ने विकास दर बढ़कर 7.58 प्रतिशत पहुंच गई है। साल 2023-24 में अर्थव्यवस्था का आकार बढ़कर 346.20 हजार करोड़ हो गया है। मीनाक्षी ने मैंकंजी की रिपोर्ट के आधार पर कल इस आकार में भी राउंड 346 हजार करोड़ की बात बताई जबकि प्वाइंट 20 हजार करोड़ गायब कर दिए।
क्या सच में मैंकंजी ने कोई सर्वे किया? यदि ऐसा है तो आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में क्या झूठ कहा गया? अब ये बात मीनाक्षीसुंदरम ही बताएं।
(वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार)