…और अब रतूड़ी भी चले गए

42
  • इंद्रमणि, न वेद, न रणजीत, न सुशीला बने इतिहास का हिस्सा
  • तुम गाते-चिल्लाते रहो, राज्य हमने बनाया, किसी को खबर ही नहीं

कल यूकेडी के नेता बीडी रतूड़ी का निधन हो गया। राज्य आंदोलनकारी थे और पहाड़ के लिए समर्पित योद्धा। आज उनकी आत्मा जरूर सवाल कर रही होगी कि ये राज्य मिला भी तो क्या? जो अवधारणा थी, वह पूरी नहीं हुई और न ही वो इतिहास का हिस्सा ही बन सके। एक दल जो दल-दल में डूबा है, ताउम्र महज उसके समर्पित योद्धा बनकर जुटे रहे, मैदान में डटे रहे।
मुझे याद है अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद हम पलटन बाजार बंद करा रहे थे। बीडी रतूड़ी बीमार थे और कार में बैठे-बैठे ही नारे लगा रहे थे। दुकानें बंद कराते हम आगे बढ़ रहे थे और वो साथ-साथ थे। यह उनका समर्पण था कि शरीर जवाब दे रहा था, लेकिन वो मन, कर्म और वचन से पहाड़ की माटी और थाती के लिए समर्पित थे। तभी तो अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने की मांग को लेकर प्रदर्शन में शामिल थे।
मैं पिछले 14 साल से देहरादून में हूं। देख रहा हूं, कैसे रणजीत वर्मा का निधन हुआ। सुशीला बलूनी भी चली गईं। पहाड़ के गांधी इंद्रमणि बडोनी का निधन मेरे दून आने से पहले हो चुका था। वेद उनियाल का निधन हुआ। उससे पहले विपिन त्रिपाठी भी चले गए। राज्य आंदोलन के दिग्गज नेता एक-एक कर विदाई ले रहे हैं लेकिन न राज्य की अवधारणा पूरी हुई और न ही हम आज की नवयुवा पीढ़ी को बता सके कि ये जो घंटाघर पर सरे बाजार मूर्ति लगी है, ये किसकी है? इस व्यक्ति का राज्य गठन में क्या योगदान रहा?
बता दूं कि यूकेडी ने अपनी जड़ों को छोड़ा, तो यह हाल है। भले ही यूकेडी चिल्लाती रहे कि राज्य हमने बनाया, लेकिन किसको पता। यूकेडी ने विगत दस साल में एक भी आंदोलन या जनयात्रा नहीं की कि पहाड़ या प्रदेश की नई पीढ़ी को पता चल सके कि राज्य गठन में यूकेडी सबसे आगे थी। यदि यूकेडी ने पहाड़ में मजबूती से पांव जमाए होते तो आज ये सब नेता स्कूली पाठ्यक्रम में होते। राज्य आंदोलन पाठ्यक्रम का हिस्सा होता। इन राज्य आंदोलनकारियों के निधन पर राजकीय शोक होता। स्कूलों में छुट्टी घोषित हो जाती। अपनी जड़ों को छोड़ने पर इन नेताओं को न इतिहास में जगह मिल रही है और न ही भविष्य में कोई याद करेगा। काश, यूकेडी में नेता होते, मठाधीश नहीं।
राज्य आंदोलनकारी बीडी रतूड़ी को विनम्र श्रद्धांजलि।
(वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here