- सदस्यता अभियान में स्पीकर ऋतु खंडूड़ी का जबरदस्त प्रदर्शन
- बंगला बहुल सितारगंज में 10 हजार तो हरिद्वार में 9400 सदस्य बढ़े
भाजपा का देशव्यापी सदस्यता अभियान चल रहा है। उत्तराखंड में किस कदर से डेमोग्राफिक चेंज हो रही है और भाजपा अपने वोट बैंक के लिए किस तरह से बाहरी लोगों को अपने दल से जोड़ रही है, इसकी एक झलक एक सितंबर से 23 सितंबर के सदस्यता अभियान से लगाया जा सकता है। भाजपा ने पिछले 23 दिनों की टॉप 50 नेताओं की लिस्ट जारी की है, जिसमें उनके द्वारा बनाए गए सदस्यों का हवाला है।
मुस्लिम और बंगाली बहुल सहसपुर और सितारगंज में भाजपा के सर्वाधिक सदस्य बने हैं। सहसपुर में पुंडीर ने 9948 सदस्य बनाए। यहां मीता सिंह ने भी एक हजार सदस्य और बना डाले। यहां अधिकांश मुस्लिम और बाहरी लोग तेजी से बढ़े हैं। सहसपुर प्रदेश की 10 ऐसी विधानसभा है जहां पिछले पांच-छह साल में मतदाताओं की संख्या 30 प्रतिशत से अधिक बढ़ गई। वहीं, मौजूदा समय में सीएम धामी की कुर्सी कब्जाने की रेस में सबसे आगे चल रहे सौरभ बहुगुणा के सितारगंज में भाजपा के 9882 सदस्य बने हैं। इनमें सौरभ बहुगुणा ने 7184 और खतीब अहमद ने 2798 सदस्य बनाए हैं। सीएम की दौड़ में जिन मंत्री जी का नाम कई बार उछलता है डॉ. धन सिंह रावत 13वें नंबर पर चल रहे हैं। वह महज 2325 सदस्य ही जोड़ पाए।
मदन कौशिक ने भी हरिद्वार में कमाल कर दिया। हरिद्वार में 9474 नए सदस्य बने हैं। हरिद्वार जिले में तो पिछले ढाई साल में ही 30 प्रतिशत मतदाता बढ़ गए। समझा जा सकता है कि बाहरी लोग किस तरह से प्रदेश में ठिकाना बना रहे हैं और उनको किस तरह से नेता संरक्षण दे रहे हैं। हरिद्वार की झबरेड़ा में भी भाजपा के 4915 सदस्य बने हैं।
कोटद्वार में तेजी से मुस्लिमों की संख्या बढ़ी है। भाजपा की नेता और सीएम पद की दूसरी बड़ी दावेदार रितु खंडूडी ने संवैधानिक मर्यादाओं को ताक पर रखते हुए खुद भी भाजपा की सदस्यता ली है और टॉप 6 में जगह बनाते हुए 3502 सदस्य बनाए हैं।
मसूरी में आय से अधिक संपत्ति के मामले में घिरे कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी और उनके नक्शेकदम पर करोड़ों की संपत्ति जुटाने के आरोपी निर्वतमान मेयर सुनील उनियाल गामा ने अभी रफ्तार नहीं पकड़ी। इसके बावजूद गणेश ने 2791 और गामा ने 1959 सदस्य बनाए हैं। धर्मपुर सीट पर सर्वाधिक 72 प्रतिशत मतदाता बढ़े हैं। लेकिन सदस्यता अभियान में धर्मपुर अभी मेयर के दावेदार सिद्धार्थ अग्रवाल ने महज 1043 ही सदस्य बनाए हैं।
भाजपा का चार्ट देख लीजिए, कुल मिलाकर यह डेमोग्राफिक चेंज की खतरनाक स्थिति है। लोहाघाट और डीडीहाट को छोड़ दिया जाएं तो अधिकांश पर्वतीय जिलों में भाजपा को नए सदस्य नहीं मिल रहे। वहां से लोग पलायन कर रहे हैं और युवा तो रह ही नहीं रहे। पर्वतीय जिलों में तेजी से बाहरी लोग पहुंच रहे हैं और वही अब भाजपा के सदस्य बन रहे हैं। भाजपा डेमोग्रापिफक चेंज को लेकर दोहरी नीति अपना रही है। पहाड़ी युवा एकता विहार में 6 से भूख हड़ताल पर हैं और उधर, मुन्ना बंगाली समाज को आरक्षण और ओबीसी में खुश करने के लिए बार-बार माफी मांग रहा है। नैनीताल का सांसद तो संसद में उनको आरक्षण देने की बात कर रहा है।
(वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार)