गांव की पगडंडी से पेरिस ओलंपिक तक पहुंची अंकिता

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  • कभी सेना में जाने वाले लड़कों के साथ दौड़ती थी, आज पदक के लिए दौडेगी
  • विश्व रैंकिंग में 42वें स्थान पर है अंकिता ध्यानी

उत्तराखंड के लक्ष्य सेन ने बैडमिंटन में क्वार्टरफाइनल में जगह बना ली है। मैंने बहुत ही अनमने ढंग से प्रणव और लक्ष्य का मैच देखा। धर्मसंकट था दोनों खिलाड़ी अपने ही देश के थे। और दोनों ही बेहतरीन हैं। लक्ष्य भारी पड़ा। उधर, परमजीत बिष्ट 20 किमी वॉक रेस में पदक से चूक गए। आज रात साढ़े नौ बजे करीब पहाड़ की बेटी अंकिता ध्यानी 5000 मीटर की रेस में भाग लेंगी। अंकिता का पेरिस का यह सफर सपनों का है। पेरिस ओलंपिक में अंकिता से पदक की उम्मीद कर सकते है।
पौड़ी के लैंसीडाउन क्षेत्र के मरूड़ा गांव की अंकिता बचपन में सेना में जाने की तैयारी करने वाले गांव के लड़कों के साथ दौड़ती थी। पांव में जूते भी नहीं होते थे। आठवीं कक्षा में दौड़ना शुरू किया तो पीछे मुड़कर नहीं देखा। ढेरों गोल्ड मेडल और अन्य पदक हासिल किए हैं। वर्ल्ड एथिटेलिक रैंकिंग में मौजूदा समय में वह 42वें स्थान पर है। यह एक बड़ी उपलब्धि है।
मध्यम और लंबी दूरी की धाविका अंकिता ने एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 में कांस्य पदक जीता। 2022 के एशियाई खेलों में अंकिता 5वें स्थान पर रही। विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2021 में उसे 8वां स्थान मिला था। इसके अलावा हाल में आयोजित एशियाई इंडोर चैंपियनशिप में रजत पदक विजेता रही। वह विश्व अंडर-20 चैंपियनशिप में शीर्ष आठ में रह चुकी है। अंकिता को आज बेहतरीन प्रदर्शन के लिए अग्रिम शुभकामना।
(वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार)

 

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