‘विपक्ष धर्म भूलकर धनबल की राजनीति कर रही भाजपा’

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उन्होंने कहा कि मजबूत लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका रचनात्मक होनी चाहिए जबकि प्रदेश में भाजपा खरीद-फरोख्त अरौर धनबल की राजनीति करने पर उतारू है। उन्होंने कहा कि राज्य की प्रबुद्ध जनता भी भाजपा की नीयत को जान चुकी है, इसलिए हाल ही में सम्पन्न उप-चुनावों में भाजपा को मतदाताओं ने करारा जवाब दिया है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के कुशल नेतृतव में 2022 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत का जनादेश मिला और उपचुनाव के बाद अब प्रदेश कांग्रेस सरकार एक बार फिर सदन में 38 विधायकों के साथ पूर्ण बहुमत से कहीं ज्यादा है।
रोहित ठाकुर ने भाजपा के मित्रों की सरकार के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि पूर्व भाजपा सरकार हर मोर्चे पर फेल रही है और राज्य की जनता ने कांग्रेस की गारंटियों पर भरोसा किया और प्रदेश को विकास के मार्ग पर ले जाने का जनादेश दिया।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश के लोगों को अपना परिवार मानते हैं। राज्य के लोगों के प्रति उनका अपार स्नेह है। इसलिए  मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना, इंदिरा गांधी महिला सुख सम्मान योजना, राजीव गांधी स्टार्ट अप योजना और अन्य कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की गई हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने पुरानी पेंशन बहाल कर प्रदेश के 1.36 लाख कर्मचारियों को जीवन भर का आश्रय प्रदान किया है ताकि वे सेवानिवृत्ति के बाद भी सम्मान के साथ अपना जीवन जी सकें। चुनावी गारंटी को पूरा करते हुए सभी स्कूूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई शुरू की गई है। प्रदेश के बागवानों से प्रति किलो से हिसाब से सेब खरीदा जा रहा है। बागवानों के हित में यूनिवर्सल कार्टन को लागू करने का फैसला लिया गया है। लोगों को गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं। यह सब प्रदेश की जनता के हित में लिए गए फैसले सरकार की विकासात्मक सोच का प्रमाण हैं।
उन्होंने कहा कि आगामी उप-चुनावों के लिए देहरा विधानसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री की पत्नी कमलेश ठाकुर का चयन पार्टी द्वारा किए गए विभिन्न सर्वेक्षणों के आधार पर किया गया है, जिसमें कमलेश ठाकुर सबसे आगे रही हैं। सभी सर्वेक्षणों की रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि देहरा के लोग मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी को राज्य की विधानसभा में प्रतिनिधि के रूप में देखना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मुख्यमंत्री बनने के उपरांत अब तक कभी भी अपने पद या प्रभाव का उपयोग अपने परिवार के सदस्यों को संभावित नेता के रूप में पेश करने के लिए नहीं किया है। हमने कभी भी सुक्खू को अपनी पत्नी या परिवार को किसी सरकारी या राजनीतिक कार्यक्रम में बतौर नेता बढ़ावा देते नहीं देखा। मुख्यमंत्री ने हमेशा नि:स्वार्थ भाव से पार्टी और प्रदेश की सेवा की है। उन्होंने कहा कि चुनाव के लिए टिकट देने का फैसला केंद्रीय नेतृत्व का है और सुक्खू का पार्टी आबंटन में कोई निहित स्वार्थ नहीं है और ना ही यह उनकी पत्नी की महत्वाकांक्षा रही है। हालांकि, कांग्रेस द्वारा मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी को टिकट दिए जाने से भाजपा असहज नजर आ रही है, क्योंकि भाजपा को देहरा, नालागढ़ और हमीरपुर सीटों पर होने वाले उप-चुनावों में अपनी हार सरेआम दिख रही है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू एक दूरदर्शी नेता है। इनकी नीतियों और कार्यक्रमों के परिणामस्वरूप हिमाचल प्रदेश वर्ष 2026 तक हरित राज्य तथा वर्ष 2032 तक देश का सबसे समृद्ध राज्य बनकर उभरेगा। उन्होंने भाजपा से विकासात्मक कार्य में बाधा डालने की नकारात्मक राजनीति करने के बजाय प्रदेश सरकार को इन लक्ष्यों को हासिल करने में सहयोग करने की सलाह दी। रोहित ठाकुर ने भाजपा को राज्य के लोगों द्वारा चुनी गई सरकार को अपनाने और उनका सम्मान करने की नसीहत भी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों को वर्तमान कांग्रेस सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों, कार्यक्रमों और वायदों पर पूरा विश्वास है, जिसके परिणामस्वरूप हाल ही में हुए उप-चुनावों में लोगों ने भाजपा को करारा जवाब दिया और 6 में से 4 सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशियों को विजयी बनाया। भाजपा को आने वाले उप-चुनावों में भी इसी प्रकार करारी हार का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि राज्य की प्रबुद्ध जनता इनके मंसूबों को जान चुकी है।

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