भाजपा बताए उसके किस नेता ने आजादी की लड़ाई में योगदान दिया: शर्मा

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भाजपा बताए उसके किस नेता ने आजादी की लड़ाई में योगदान दिया: आनंद शर्मा

नगरोटा बगवां (कांगड़ा), 23 मई। कांगड़ा-चंबा संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्यानशी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि राष्ट्र निर्माताओं और शहीदों को कौसने वाले पीएम मोदी और भाजपा देश की जनता को बताएं कि आजादी की लड़ाई में उनका कौन सा नेता शामिल था। यह बात उन्होंने आज कांगड़ा जिले के नगरोटा बगवां विधानसभा क्षेत्र में प्रचार के दौरान अयोजित नुक्कड़ सभाओं में कही। इस अवसर पर उनके साथ हिप्र. पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष एवं स्थानीय विधायक आरएस बाली भी मौजूद रहे।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 का चुनाव एक तारीखी चुनाव है। इस बार दुनिया के सबसे बड़े चुनाव में सौ करोड़ लोग वोट डालेंगे जो यूरोप और अमेरिका की आबादी से भी 20 करोड़ ज्यादा संख्या है। उन्होंंने कहा कि हिमाचल उनकी जन्मभूमि और कर्मभूमि रही है और बाद में पूरा देश कर्मभूमि बना। हिमाचल के आशीर्वाद से ही वह आगे बढ़े। उन्होंने जीएस बाली को याद करते हुए कहा कि वे मुझे कई बार कहते रहे कि आपको कांगड़ा से चुनाव जरूर लड़वाना है, आज अचानक उनकी यह इच्छा पूरी हुई, मगर वे हमारे बीच नहीं है।

आनंद शर्मा ने कहा कि नेतृत्व के आदेश का पालन करके वह आज कांगड़ा-चंबा की जनता के बीच हैं। प्रचार के दौरान जनता और कार्यकर्ताओं का जैसा प्यार मिल रहा है, उससे वह अभिभूत हैं। इस दौरान युवाओं, महिलाओं और हर व्यक्ति की आंखों में खुशी और उम्मीद देखी है। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि वह अपने घर में अपने लोगों के बीच काम करने के लिए वापस आए हैं।

आनंद शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने आजादी की लड़ाई लड़ी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नेतृत्व में संघर्ष हुआ कांग्रेस के नेताओं ने कुर्बानियां दीं, तब जाकर विश्व की सबसे शक्तिशाली अंग्रेजी हुकूमत को हराया और देश आजाद हुआ। कांग्रेस ने आजादी के बाद देश को संविधान दिया, जो सबको बराबरी का दर्जा देता है। बिना भेदभाव के सबको उसका अधिकार दिया गया। साथ ही सबको एक वोट का अधिकारी दिया गया, चाहे कोई अमीर हो या गरीब हो और किसी भी जाति व संप्रदाय से हो उसे देश का भविष्य चुनने का अधिकार मिला है। मतदाता का फर्ज है कि वह सरकार के कार्यकाल का लेखाजोखा करके उसके किए वायदों पर विचार करे वोट डालने का निर्णय ले।

उन्होंने कहा कि खासकर नौजवानों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनके मां बाप को उनके भविष्य की चिंता रहती है। लिहाजा ऐसी सरकार चुनें जो उनके भविष्य के बारे में सोचे। उन्होंने कहा कि यह चुनाव संविधान को बचाने का चुनाव है। विपक्षी दल इतना बहुमत चाहते हैं कि संविधान को बदला जा सके। उन्होंने कहा कि अगर देश की जनता नहीं समझी तो यह चुनाव भारत देश का आखिरी चुनाव होगा।

कांग्रेस प्रत्याशी ने कहा कि जो सुविधाएं, विकास, आरक्षण दशकों से पिछड़े और भेदभाव के शिकार लोगों को दिया गया है यह हक उनसे छीना जा सकता है। विपक्षी दल दावा करता कि पिछले 70 साल में कुछ नहीं हुआ और जो कुछ हुआ उनके दस साल के कार्यकाल में हुआ, इस बात को 2014 से पहले के मतदाता समझते हैं। देश के लोगों ने बचपन से ही भारत और हिमाचल को बनते देखा है। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी की बहादुरी को देश और पूरे विश्व ने देखा है। देश ने वर्ष 1962 और 1963 की जंग लड़ी। वर्ष 1974 में अमेरिका के परमाणु युद्धपोत देश की समुद्री सीमा में होने के बावजूद मनवता की भलाई के लिए बांग्लादेश के करोड़ों लोगों को पाकिस्तान की क्रूरता से आजाद करवाया और भारत की फौज ने विश्व की सबसे बड़ी जीत हासिल की। आज विपक्षी नेता इंदिरा जी को कौसते हैं, जबकि उनके ही नेता एवं पूर्व पीएम अटल विहारी वाजपेयी ने संसद में इंदिरा जी को दूर्गा का रूप कहा था। उन्होंने कहा कि भाजपा और पीएम मोदी देश की जनता को बताएं कि उनके किस नेता ने भारत की आजादी की लड़ाई में योगदान दिया था।

उन्होंने कहा कि इसी तरह आज देश ने सूचना क्रांति में प्रगति की है उसकी नींव पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने रखी थी, जो देश के लिए छोटी आयु में शहीद हो गए। उन्होंने कहा कि आज ऐसे देश भक्तों एवं राष्ट्र निर्माताओं का अपमान किया जाता है। इसी तरह पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के साल 2014 में सत्ता छोड़ने से पहले देश की जीडीपी चार गुणा थी। देश की अर्थव्‍यवस्‍था दो ट्रिलीयन डॉलर हो चुकी थी। इतना ही नहीं यूपीए के शासनकाल में ही सूचना का अधिकार कानून, रोजगार की गारंटी के तहत मनरेगा और शिक्षा एवं खाद्य सुरक्षा के अधिकार के कानून बनाए गए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने ये कानून बनाए थे तभी मोदी सरकार देश की जनता को राशन दे पाई।

उन्होंने कहा कि वह सत्य पर आधारित बातें करते हैं। किसी पर आरोप नहीं लगाते और अर्नगल भाषा का उपयोग नहीं करते। आज देश में जनता का ध्यान मूलभूत मुद्दों से हटाने के लिए उत्तर और दक्षिण के बीच लकीरें खींची जा रही हैं। अमीर और गरीब के बीच खाई पैदा कर दी गई है। सेना में अग्निवीर योजना लाकर बेरोजगारों के साथ मजाक किया गया। किसानों को अपमानित किया गया और बेरोजगारों को वायदे के अनुसार रोजगार नहीं दिया गया। उन्होंने आपदा के समय हिमाचल की उपेक्षा का मुद्दा भी उठाया।

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