आनंद शर्मा ने कहा कि अन्य़ वायदों की तरह ही देश को महंगाई से निजात दिलाने का झूठा वायदा किया गया, मगर आज देश में महंगाई दर कम होने के बजाय बढ़ गई है और आम आदमी दो जून की रोटी के लिए त्रस्त है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को भी उनकी सुरक्षा का झूठा भरोसा दिलाया गया था मगर पूरे देश में महिलाओं से अन्याय हो रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृहणियों को उज्जवला योजना के तहत चार सौ रुपये के सस्ते गैस सिलेंडर का वायदा किया मगर आज गैस सिलेंडर 1200 रुपये में मिल रहा है। इसी तरह किसान को उसकी आमदनी दोगुणा करने की बात कही गई, मगर हुई नहीं। आज किसानों को अपनी बात रखने के लिए दिल्ली जाने तक से रोका जा रहा है। उनके रास्ते में खाइयां खोदी जा रही हैं और गोलियां दागी जा रही है।
कांग्रेस प्रत्याशी ने कहा कि जब देश में यूपीए का शासन था तो यही नरेंद्र मोदी तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ संस्कारहीन भाषा का प्रयोग करते हुए अपमानजनक टिप्पणियां करते थे, मगर आज उनके दस साल के कार्याकाल के बाद देश के हालत बदल से बदत्तर होते चले गए हैं। उन्होंने कहा कि जब यूपीए सरकार सत्ता से हटी थी तो डालर की कीमत 58 रुपये थी आज 88 रुपये के करीब है, तो वहीं पेट्रोल के दाम करीब 67 व डीजल 59 रुपये प्रति लीटर था, जो अब सौ रुपये के पार हो चुके हैं।
आनंद शर्मा ने कहा कि संविधान निर्माताओं ने देश में किसी में कोई फर्क नहीं रखा, हर व्यंक्तिे को एक मत का अधिकार दिया गया। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने 18 वर्ष के युवाओं को मत का अधिकार दिया था। इसी तरह आजादी के बाद देश के विकास के लिए कांग्रेस की सरकारों ने कई काम किए और अपने नेताओं तक का बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि बहुंत दुख होता है जब राष्ट्र निर्माताओं और शहिदों का यह कह कर अपमान किया जाता है कि 2014 से पहले कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत रोजगार की गारंटी, खाद्य सुरक्षा कानून और शिक्षा का अधिकार जैसे कानून पूर्व की यूपीए सरकार ने बनाए थे। इसी के चलते कोविड काल में लोगों को रोजगार और अनाज मुहैया हो पाया, अगर ये कानून न होते तो ऐसी स्थिति की कल्पना तक नहीं की जा सकती थी।
इस अवसर पर हिप्र. विस के अध्यक्ष एवं स्थानीय विधायक कुलदीप सिंह पठानिया और अन्य स्थानीय नेता व पदाधिकारी मौजूद रहे। सार्वजनिक बैठकें आयोजित करने के बाद आनंद शर्मा ने तुनु हट्टी से लेकर नैनी खड्ड तक एक रैली का भी आयोजन किया, जिसमें भारी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए।