शिमला, 15 सितंबर। हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने आज यहां बताया कि राज्य सरकार मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के दूरदर्शी नेतृत्व में प्रदेश में सर्वोत्कृष्ट स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों के घर-द्वार उपलब्ध करवाने के लिए दृढ़ता से कार्य कर रही है। इसी के दृष्टिगत डॉ. राजेन्द्र प्रसाद राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय कांगड़ा स्थित टांडा में हृदय शल्य चिकित्सा केंद्र स्थापित किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि यह केंद्र 25 सितंबर से कार्यशील हो जाएगा। इसके तहत टांडा मेडिकल कॉलेज के सीटीवीएस विभाग में ओपन हार्ट सर्जरी शुरू की जाएंगी। इसके लिए अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशिएलिटीज शिमला के विशेषज्ञों का दल भी सहयोग करेगा। उन्होंने कहा कि टांडा मेडिकल कॉलेज में हृदय शल्य चिकित्सा केंद्र स्थापित होने से विशेष तौर पर प्रदेश के निचले क्षेत्र के लोगों को उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित हो सकेंगी।
डॉ. शांडिल ने कहा कि हिमाचल सरकारी क्षेत्र में ओपन हार्ट सर्जरी की सुविधा प्रदान करने वाले देश के चुनिंदा राज्यों में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2005 में इंदिरा गांधी राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय शिमला ओपन हार्ट सर्जरी की सुविधा उपलब्ध करवाने वाला पहला संस्थान बना। यह हिमाचल जैसे राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी चूंकि उस समय पूरी उत्तरी भारत में सरकारी क्षेत्र में ओपन हार्ट सर्जरी की सुविधा केवल मात्र पीजीआई चंडीगढ़ एवं शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज श्रीनगर में ही उपलब्ध थी।
उन्होंने कहा कि इसके 18 वर्षों के उपरांत आज भी उत्तरी भारत के राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालयों में यह सुविधा उपलब्ध नहीं है। इसके विपरीत आईजीएमसी शिमला ने इस क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है और प्रतिमाह यहां 20 से 25 ओपन हार्ट सर्जरी की जाती हैं और इनकी सफलता की दर 95 प्रतिशत से अधिक रही है। उन्होंने कहा कि सभी आयुवर्ग के पात्र मरीजों को विभिन्न योजनाओं के तहत हृदय रोग से संबंधित निःशुल्क उपचार की सुविधा भी प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि अभी तक आईजीएमसी में चार हजार से अधिक रोगियों की ओपन हार्ट सर्जरी की जा चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार खंड स्तर पर लोगों को उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने की दिशा में आगे बढ़ रही है और इन स्वास्थ्य संस्थानों में छह विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती सुनिश्चित की जा रही है। इसके अतिरिक्त रोबोटिक सर्जरी सहित अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जाएंगी।