-तीव्र मनोकामना सिद्ध आदित्य प्रयोग
साल का प्रथम सूर्यग्रहण हिंदू पंचाग के अनुसार ज्येष्ठ मास की अमावस्या दिन गुरूवार 10 जून 2021 को पड रही है। इस दिन शूल योग भी बन रहा है। इस दिन सूर्य ग्रहण के साथ साथ शनि जयंती और वट सावित्री व्रत भी है। ग्रहण के दौरान शुभ कार्यों के करने में मनाही है।
सूर्य ग्रहण वलयाकार सूर्य ग्रहण है जो कि भारत में आंशिक तौर पर दिखाई देगा, इसलिए भारत में इसका सूतक का प्रभाव मान्य नहीं होगा। ज्योतिष के अनुसार भले ही भारत में सूर्य ग्रहण दिखाई न दे पर कुछ राशियों पर इसका प्रभाव दिखाई देगा।
दिनः 10 जून 2021, गुरूवार
ग्रहण का समयः दोपहर 1.40 बजे से शाम 6.42 मिनट तक रहेगा।
ग्रहण काल में नेगेटिव ऊर्जा का त्याग कर ब्रह्माण्ड में व्याप्त पॉजिटिव एनर्जी को साधना के माध्यम सें ग्रहण करना चाहिए, जिससे जीवन में व्याप्त बाधा, परेशानी, अभाव को दूर किया जा सके। इसकी विधि यदि आपको ज्ञात नहीं है तो सनातन साधक परिवार इस ग्रहण में विशेष साधनात्मक आयोजन ‘‘तीव्र मनोकामना आदित्य प्रयोग‘‘ करने जा रहा है।
इस प्रयोग में भाग लेने के लिए आपको कही जाना नहीं है। आप जहां हैं संभव हो तो ग्रहण काल में कुछ समय के लिए ध्यान में बैठ जाना है…
इस दौरान साधक पीले वस्त्र पहने, यदि संभव न हो तो अपने साथ एक पीला कपडा अवश्य रखे।
कौन भाग ले सकता है इस प्रयोग में –
इस पूजन में किसी भी प्रकार का कोई व्यय नहीं है, जो इस प्रयोग में भाग लेना चाहता है, वह अपनी कोई भी एक परेशानी दिए नंबर (09752626564) में व्हाट्सएप करके 10 जून दोपहर 12 बजे तक भेज दे या इसी नंबर पर लिखवा दे। जिससे आपकी समस्या का यथासंभव निराकरण किया जाएगा, जिसका फल एक माह के भीतर ही आपको देखने को मिलेगा।
जो भी इस साधना में बैठे वह दिए गए नियमों का जरूर पालन करें।
क्या करें इस दिनः
1. ग्रहण में निकलने वाली हानिकारक तरंगों से बचने के लिए तुलसी के पत्ते को जल मे डालकर घर के सभी सदस्यों को देना चाहिए।
2. सनातन धर्म में यह माना जाता है कि ग्रहण काल के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए, इससे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पडता है।
3. मंदिरों और घर में पूजा कक्ष को बंद कर देना चाहिए।
4. ग्रहण काल के दौरान ध्यान और मंत्र जप करना चाहिए, क्योंकि ग्रहण काल के दौरान किया गया जप हजार गुना फल प्रदान करता है।
5. सूर्य ग्रहण के साथ-साथ वट सावित्री पूजा है तथा शनि जयंती है अतः दान पुण्य सूर्य ग्रहण के पूर्व कर लेना शुभ रहेगा।
6. ग्रहण उपरांत देव कक्ष मे गंगा जल के छिड़काव के साथ धूप दीप कर उन्हें भोग लगाएं।
7. ग्रहण काल में शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए।
8. ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को ग्रहण नहीं देखना चाहिए और ना ही बाहर निकलना चाहिए।
इन राशियों पर ग्रहण का बुरा प्रभाव पडे़गा- वृषभ, मिथुन, सिंह, तुला और मकर।
क्या करें ये राशि वाले जातक-
इन राशियों के जातकों को ग्रहण काल में ध्यान, मंत्र जप करना चाहिए, इस बीच निद्रा नही करनी चाहिए, संभव हो तो ज्यादा से ज्यादा मौन रखें।
-स्वामी श्रेयानन्द महाराज
(सनातन साधक परिवार)
मो. एवं व्हाट्सएप नं. 09752626564