न्यायमूर्ति शर्मा, नेगी व कैंथला ने शपथ ग्रहण की

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शिमला, 31 जुलाई। न्यायमूर्ति रंजन शर्मा, न्यायमूर्ति बिपिन चंद्र नेगी और न्यायमूर्ति राकेश कैंथला ने आज यहां हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में शपथ ग्रहण की। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने राजभवन में आयोजित एक गरिमापूर्ण समारोह में उन्हें पद की शपथ दिलाई।
इस समारोह में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू और हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ममीदन्ना सत्य रत्न रामचन्द्र राव भी उपस्थित थे।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने शपथ समारोह की कार्यवाही का संचालन किया और भारत के माननीय राष्ट्रपति द्वारा जारी नियुक्ति पत्र पढ़े।
राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा ने शपथ-पत्र पर राज्यपाल और माननीय न्यायाधीशों के हस्ताक्षर प्राप्त किए।
लेडी गवर्नर जानकी शुक्ल, नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति पी.एस. राणा, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, विधायक सुधीर शर्मा और केवल सिंह पठानिया, महापौर सुरेंद्र चौहान, महाधिवक्ता अनूप रतन, विभिन्न बोर्डों और निगमों के अध्यक्ष एवं सदस्य, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, वरिष्ठ न्यायिक, नागरिक और पुलिस अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
न्यायमूर्ति रंजन शर्मा का जन्म 21 अगस्त 1968 को कांगड़ा जिले के धर्मशाला में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा राजकीय विद्यालय धर्मशाला से ग्रहण की। उन्हें रोहतक विश्वविद्यालय से एलएलबी में स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। उन्होंने दिसंबर 1991 में एक अधिवक्ता के रूप में कार्यभार संभाला और मार्च 2019 में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था। उन्होंने वर्ष 2008 और 2018 में दो बार अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं। न्यायमूर्ति रंजन शर्मा ने विधि के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य किया है।
कांगड़ा जिले के ही धर्मशाला में 20 जुलाई 1968 जन्में न्यायमूर्ति बिपिन चंद्र नेगी किन्नौर जिले से संबंध रखते हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट एडवर्ड स्कूल शिमला और दिल्ली पब्लिक स्कूल आरकेपुरम नई दिल्ली से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.ए अर्थशास्त्र (ऑनर्स) और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से एलएलबी की उपाधि प्राप्त की। उन्हें वर्ष 1994 में एक अधिवक्ता के रूप में कार्य आरंभ किया और उन्हें वर्ष 2015 में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था। न्यायमूर्ति बिपिन चंद्र नेगी ने विधि के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दीं हैं।
न्यायमूर्ति राकेश कैंथला का जन्म 23 मई 1968 को शिमला में हुआ। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा डी.ए.वी.स्कूल, लक्कड़ बाजार से और स्नातक की उपाधि राजकीय महाविद्यालय संजौली, शिमला, से प्राप्त की। उन्होंने वर्ष 1991 में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से एलएलबी की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने वर्ष 1991 में एक अधिवक्ता के रूप में कार्य आरंभ किया और कानून के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दीं। न्यायमूर्ति राकेश कैंथला ने वर्ष 1995 में हिमाचल न्यायिक सेवा परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया। वर्ष 2010 में उन्होंने न्यायिक अधिकारियों की सीमित (लिमिटेड) प्रतियोगी परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया और अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में नियक्त हुए। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में विभिन्न सिविल और सत्र डिवीजनों में न्यायिक अधिकारी के रूप में कार्य किया है। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत होने से पहले वह बतौर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मंडी में कार्यरत थे।

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