सेमीकंडक्टर उद्योग की स्थापना से हिमाचल के आईटी क्षेत्र को मिलेगा बढ़ावा

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शिमला, 16 जून। हिमाचल प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र के विकास की अपार क्षमता है। राज्य सरकार प्रदेश में सेमीकंडक्टर उद्योग की स्थापना के लिए आवश्यक प्रोत्साहन एवं सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश में आईटी उद्योग के विकास के लिए सरकार द्वारा अधोसंरचना, मानव संसाधन, नीतिगत ढांचा और बाजार की मांग को ध्यान में रखते हुए भविष्य की कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
प्रदेश में सेमीकंडक्टर उद्योग को दिए जा रहे प्रोत्साहन पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि सरकार आईटी क्षेत्र से जुड़े विभिन्न हितधारकों की विशेषज्ञता और उपलब्ध संसाधनों से लाभ उठाने के लिए सहयोग और साझेदारी की सम्भावनाएं तलाश रही है। इसी उद्देश्य से राज्य सरकार ने डिजिटल गवर्नेंस के लिए मुख्यमंत्री परिषद का गठन किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक रणनीति तैयार की जाएगी, जिसके लिए जल्द ही एक कमेटी का गठन किया जाएगा। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारतीय उद्योग परिसंघ, भारतीय इलेक्ट्रॉनिक उद्योग संघ, भारत ऊर्जा भंडारण गठबंधन तथा राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ मजबूत संबंध स्थापित कर हिमाचल में आईटी उद्योग, विशेषतौर पर सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही प्रदेश के इच्छुक छात्रों को प्रशिक्षण और अनुभव प्रदान करने के लिए शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों के साथ विनिमय कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सेमीकंडक्टर उद्योग क्षेत्र से जुड़े ऐसे हिमाचली विशेषज्ञ जोकि विदेशों में रहते हैं, उनसे सलाह एवं समर्थन लिया जाएगा।
राज्य सरकार कोर सेमीकंडक्टर चिप्स के निर्माण के बजाए सेेंसर, सेमीकंडक्टर पैकेजिंग और डिजाइन निर्माण जैसे उद्योगों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उन डिजिटल प्रौद्योगिकियों और सेवाओं पर ही ध्यान केंद्रित किया जाएगा जोकि सेमीकंडक्टर उद्योग को पूरक बना सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीकी संस्थानों में कार्यरत फैकल्टी तकनीकी शिक्षा विभाग के माध्यम से भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) से संपर्क कर तकनीकी ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।
आईटी सचिव, डॉ. अभिषेक जैन ने बताया कि भारत सरकार द्वारा चलाई जा जा रही विभिन्न संबंधित योजनाओं के माध्यम से सहायता प्राप्त करने और अनुसंधान एवं विकास, प्रयोगशालाओं और सेमीकंडक्टर उद्योग की स्थापना के विभिन्न पहलुओं से जानकारी हासिल की जाएगी।
जैन ने कहा कि हाल ही में इस संबंध में आईआईटी दिल्ली, आईआईटी रोपड़, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और सिलिकॉन पावर कॉरपोरेशन यूएसए के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक का आयोजन किया गया ताकि इस दिशा में आगे की कार्यवाही को सही दिशा प्रदान की जा सके।

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