शिमला, 12 जून। हिमाचल प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में डिजिटल गवर्नेंस के सफल क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री परिषद का गठन किया है। प्रदेश में डिजिटल परिवर्तन के लिए गठित यह पहली परिषद् रणनीतिक मार्गदर्शन व डिजिटल नीतियों और कार्यक्रमों की निगरानी प्रदान करने के लिए एक शीर्ष निकाय के रूप में कार्य करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक नवीन पहल है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों जैसे आईटी, उद्योग, डाटा प्रबंधन, दूरसंचार, वित्त, आईएसबी, आईआईटी आदि के विशेषज्ञ शामिल हैं। वैज्ञानिक, तार्किक और प्रौद्योगिक आधारित सोच को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गठित यह परिषद् हर तीन माह में कम से कम एक बार या आवश्यकतानुसार बैठक करेगी। राज्य सरकार ने हिमाचल को देश का सूचना प्रौद्योगिकी हब बनाने की दिशा में यह निर्णय लिया है। सरकार राज्य में ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देने के अलावा ई-ऑफिस और हिम परिवार को भी प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करेगी।
उन्होंने कहा कि डिजिटल गवर्नेंस के लिए मुख्यमंत्री परिषद् की रणनीति राज्य को डिजिटल रूप में विकसित करना है। राज्य सरकार के विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटल परिवर्तन के लिए दृष्टिकोण, मिशन, लक्ष्यों और प्राथमिकताओं को रेखांकित करती है। यह ओपन डाटा मानकों, ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर, डाटा सुरक्षा, गोपनीयता, साइबर सुरक्षा, ई-गवर्नेंस, उभरती हुई तकनीक, डिजिटल साक्षरता जैसे क्षेत्रों से संबंधित डिजिटल गवर्नेंस के लिए नीतियों और दिशानिर्देशों को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
परिषद् डिजिटल गवर्नेंस के मुद्दों पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की सुविधा भी देगा और डिजिटल कौशल, डिजिटल साक्षरता और डिजिटल उपकरणों और प्लेटफार्मों के उपयोग जैसे क्षेत्रों में सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की क्षमता निर्माण के लिए एक व्यापक कार्य योजना विकसित करने की दिशा में कार्य करेगी।
यह परिषद् अनुसंधान और विकास तथा अनुकूल व्यावसायिक वातावरण के निर्माण और एक जीवंत स्टार्ट-अप संस्कृति विकसित करने और राज्य में आईटी और संबंधित निवेश को बढ़ावा देने के माध्यम से डिजिटल अर्थव्यवस्था में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सुझाव भी देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि परिषद् में सदस्य दक्षता, प्रभावशीलता में सुधार और नागरिक जुड़ाव में सुधार के लिए सरकारी सेवाओं, संचालन और प्रक्रियाओं के डिजिटल परिवर्तन की देखरेख करेंगे।
इसके अलावा, डिजिटल अर्थव्यवस्था के विकास को बढ़ावा देने और राजस्व सृजन में इसकी भूमिका की पहचान करने और सुझाव देने के अलावा, परिषद सरकार को डिजिटल प्रौद्योगिकियों और दूरसंचार नीति से संबंधित मुद्दों जैसे बुनियादी ढांचा, सुरक्षा, नवाचार, विनियमन पर सिफारिशें भी प्रदान करेगी।
सूचना प्रौद्योगिकी सचिव डॉ. अभिषेक जैन ने कहा कि डिजिटल व्यवस्था स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री परिषद् डिजिटल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सरकारी एजेंसियों, उद्योग संघों, शैक्षणिक संस्थानों आदि जैसे बाहरी हितधारकों के साथ संपर्क स्थापित करेगी।
परिषद् में मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवाचार, मुख्य सचिव और सचिव (आईटी) के अलावा विभिन्न पेशेवर और संबंधित क्षेत्रों के विशेषज्ञ भी शामिल होंगे।