शिमला। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने आज यहां विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की सिफारिशों के अनुसार प्रदेश के विश्वविद्यालयों में एनसीसी को सामान्य वैकल्पिक क्रेडिट पाठ्यक्रम के रूप में शामिल करने संबंधी समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में बच्चों के समग्र और समुचित विकास पर विशेष बल दिया गया है क्योंकि एनसीसी विद्यार्थियों के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
एनईपी-2020 में एनसीसी को क्रेडिट कोर्स के रूप में शामिल करने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य उच्चतर शैक्षणिक संस्थानों में अतिरिक्त पाठ्यक्रम और सह-पाठ्यक्रम के बीच के अंतर को समाप्त करना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार एनसीसी को प्रदेश के विश्वविद्यालयों में सामान्य वैकल्पिक क्रेडिट पाठ्यक्रम के रूप में शामिल करने के लिए प्रयासरत है। विद्यार्थियों को इस विषय की शिक्षा प्रदान करने के लिए सुपर टेªनर नियुक्त किए जाएंगे जो विद्यार्थियों को एकता और अनुशासन का पाठ पढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लड़कियों की एक बटालियन के साथ पांच एनसीसी बटालियन, पांच स्वतंत्र एनसीसी क्वॉयस, एक नौ सेना यूनिट और एक एयर स्कवॉड्रन है। एनसीसी प्रदेश के 28 हजार 724 कैडेट को प्रशिक्षण प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के संवेदनशील क्षेत्रों के विद्यार्थियों को एनसीसी के अंतर्गत् प्रशिक्षण लेने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी की पहली लहर में एनसीसी कैडेटस ने लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ जरूरतमंद लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाई थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों में एनसीसी पाठ्यक्रम को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुसार 44 बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के अंतर्गत् सामान्य वैकल्पिक विषय के रूप में शामिल किया जाना चाहिए ताकि युवाओं का समग्र और समुचित विकास सुनिश्चित किया जा सके। इस बैठक की कार्यवाही का संचालन एनसीसी मुख्यालय शिमला के ग्रुप कमांडेंट ब्रिगेडियर राजीव ठाकुर ने किया। शिक्षा सचिव राजीव शर्मा, निदेशक उच्चतर शिक्षा डॉ. अमरजीत सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।