एशियन स्कूल का तुगलकी फरमान

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  • प्री-बोर्ड में 75 प्रतिशत हैं तो ही मिलेगी साइंस
  • न्यू एजूकेशन पालिसी की उड़ा रहा धज्जियां

उत्तराखंड सरकार लाख ढोल पीटती रहे कि राज्य में नई शिक्षा नीति 2020 लागू हो गयी है। लेकिन निजी स्कूलों के लिए सरकार ठेंगे पर है। इसका ताजा उदाहरण एशियन स्कूल की आज हुई मीटिंग है। 10वीं के बोर्ड परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को स्कूल ने आगे भी फंसाए रखने के लिए आज बुला लिया। अभिभावकों को बताया गया कि 6 अप्रैल से 11वीं की कक्षाएं चलेंगी। इसमें प्रोविजनल एडमिशन दिया जाएगा। इसके तहत जिस छात्र के प्री-बोर्ड टू में 75 प्रतिशत अंक होंगे तो ही उसे साइंस मिलेगी। 70 प्रतिशत पर गणित मिलेगी।
यह क्या मजाक है। सीबीएसई के एक बड़े अधिकारी का कहना है कि पहले तो स्कूल रिजल्ट से पहले कक्षाएं शुरू नहीं कर सकते हैं। दूसरी बात कि अब एनईपी के तहत कोई भी विषय का चयन किया जा सकता है। उन्होंने कहा है कि अभिभावक ऐसे स्कूल से लिखित में मांग लें।
लेकिन सवाल यह है कि निजी स्कूल जब एनईपी को मान ही नहीं रहे तो सरकार भला कैसे दावा कर सकती है कि प्रदेश में एनईपी लागू हो गया है। मैंने इस संबंध में शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत से बात करने की कोशिश की है लेकिन उनका फोन बिजी है।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

 

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