- मंत्री सर्फ एक्सल से रगड़-रगड़ कर नहाए और चापलूस मीडिया उसे चरणामृत मान पी गयी
- धर्मांध जनता सो रही है और सपने में देख रही है उनका देश सबसे विकसित देशों में शुमार हो गया!
राजा बहुत धर्मभीरू है। मंदिरों में जाता है। दर-दर सिर झुकाता है। संतों से रोली बंधवाता है और फिर अपने को शीशे में देखता है। खुद को हैंडसम मानता है। राजा मंदिरों में इसलिए जाता है कि उसके पास कुव्वत नहीं थी कि सिंहासन पर बैठ सके। ईश्वरीय कृपा हो गयी और वह सत्ता के शीर्ष पर जा बैठा। भाग्य में कुंडलिया राजयोग था। इसे ही ईश्वरीय चमत्कार कहते हैं। उधर, मंत्री घुटे हुए बदमाश हैं। शेर के रंग में रंगे सियार। मंत्री अपने पाप सर्फ एक्सल से रगड़-रगड़ कर धोते हैं। मंत्रियों के नहाए पानी को चापलूस मीडिया वाले एकत्रित करते हैं और बारी-बारी से उसे चरणामृत मानते हुए पी जाते हैं। राजा, मंत्री और मीडिया सब शुद्ध हो जाते हैं।
इस बीच कुछ बेरोजगार शोर मचाते हैं, भ्रष्टाचार हो गया, भ्रष्टाचार हो गया। इंसाफ दो। राजा के कान में ढेर सारा मैल है। महीन सी आवाज पहुंचती है तो राजा अपने मंत्रियों से पूछता है। यह भ्रष्टाचार क्या होता है? क्या देखा किसी ने? मंत्री बोले, नहीं महाराज। हमें तो नहीं दिखता। राजा चापलूस मीडिया से पूछता है। चापलूस मीडिया कहता है, नहीं, आपके राज में भ्रष्टाचार भला कैसे हो सकता है? राजा को फिर भी यकीन नहीं होता। वह एसआईटी को टास्क देता है कि ये भ्रष्टाचार क्या होता है? कैसे होता है? इसका पता लगाया जाए।
सबसे भ्रष्ट मंत्रियों और अफसरों की टीम को भ्रष्टाचार के बारे में पता लगाने के लिए कहा जाता है। जांच रिपोर्ट समिट होती है कि भ्रष्टाचार बहुत ही सूक्ष्म है। दिखाई नहीं देता। कोरोना वायरस सा है। सर्वव्याप्त और अगोचर सा है। राजा कहता है, अच्छा जो सर्वव्यापी है। अगोचर है और सूक्ष्म है। वह तो ईश्वर हुआ, भ्रष्टाचार कैसे हुआ?
राजा ने मुनादी करा दी, भ्रष्टाचार सूक्ष्म है। अगोचर है। सर्वव्यापी है। इसलिए उसकी पूजा होनी चाहिए। उसका विरोध करने वाले को राजदंड दिया जाएगा। राजद्रोह की धाराएं लगाई जाएंगी। और उसे हिन्दू विरोधी कहा जाएगा। अब मंत्री भी खुश हैं और चापलूस मीडिया भी। नगर निगम चापलूस मीडिया को हर महीने बिना काम के वेतन दे रहा है। क्योंकि वह उनके सिर से पैर तक निकले गंध को चरणामृत समझ कर पी रहा है।
राजा, मंत्री, अफसर, ठेकेदार और चापलूस मीडिया सब खुश हैं। जनता धर्म के नशे में सो रही है। सपने में देख रही है विकास हो रहा है और वह सबसे खुशहाल और समृद्ध देश के वासी हैं। विश्व में उनका डंका बज रहा है।
[वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]