एक था नशेड़ी गौरव

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  • नेक इरादे और सही राह दिखाने से संवरने लगी किस्मत
  • आज बन गया नशा मुक्त अभियान का ब्रांड एम्बेसडर

कल देहरादून रिस्पना पुल के निकट स्थित एक होटल की लॉबी में मैंने कोट, पैंट, टाई लगाए एक युवा गौरव नेगी को जब हाल में अलग से फोटो खींचने के लिए कहा तो झिझक रहा था। गौरव से मैंने सीधा सवाल किया क्या नशा बिल्कुल छोड़ दिया। उसने हां में सिर हिला दिया। गौरव नेगी सीआईएमएस संस्थान के चेयरमैन ललित जोशी द्वारा नशे के खिलाफ सजग इंडिया अभियान के ब्रांड एम्बेसडर है।
चमोली जिले का गौरव महज पांच छह महीने पहले तक नशे की गिरफ्त में था। वह नियमित मादक द्रव्यों का सेवन करता था। स्कूली दिनों में वह एक अच्छा हाकी खिलाड़ी था। लेकिन गलत संगत में पड़ गया। गौरव के पिता भी नहीं हैं और बहन मानसी नेगी राष्ट्रीय स्तर पर वॉक रेस की नामी खिलाड़ी हैं। गौरव के पिता नहीं हैं और मां गांव में रहती है। गौरव जब नशे की गिरफ्त में था तो मां और बहन को उसके भविष्य को लेकर चिन्ता हो गयी। मानसी की मदद को ललित जोशी आगे आए। उन्होंने गौरव को अपने संस्थान में ही रखा। उसकी काउंसिलिंग की। धीरे-धीरे गौरव गांजा, चरस, अफीम की गिरफ्त से बाहर आ गया। उसको सही राह और मार्गदर्शन मिला तो आज वह एक स्वस्थ युवा है और नशे से कोसो दूर।
कल युवा संवाद में उसने मीडिया के सामने अपनी स्टोरी बतायी। नशे की बुराई पर जीत उसकी दृढ़ता और संकल्प के साथ ही ललित जोशी की काउंसिलिंग और सीआईएमएस में मिले सहयोगात्मक वातावरण की भूमिका रही है। नशे की गिरफ्त में फंसे युवाओं को भी सही राह और अपनत्व की जरूरत है। उनके आत्मबल और नशा छोड़ने के संकल्प को मजबूती दी जाएं तो वह भी नशे की गिरफ्त से बाहर आ जाएंगे। बेहतर है कि अभिभावक अपने बच्चों के व्यवहार पर ध्यान दें। यदि बच्चे के व्यवहार में कुछ अलग या बड़ा अंतर दिखे तो सतर्क हो जाएं। उससे मित्रवत व्यवहार करें। बच्चों को नशे के खिलाफ जागरूक करें।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

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