- महाराज छोड़ेंगे मंत्री पद, हरदा थामेंगे भाजपा का हाथ
- जोशी और अग्रवाल को सबसे ईमानदार मंत्री का मिलेगा अवार्ड
पहाड़ की पगडंडी से संसद भवन की सीढ़ियों से होते हुए अपने भगतदा देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के राजभवन में फसोर कर सो रहे थे। अचानक एक दिन सपने में उन्हें पीएम नरेंद्र मोदी आए। उन्होंने कहा, भगतदा, क्या कर रहो यहां। पहाड़ पुकार रहा है। बस, फिर क्या था। अपने भगतदा ने तय कर लिया कि अब उत्तराखंड जाना है। इस्तीफा सौंपा, झोला उठाया और नेवी ने उनको श्रद्धांजलि दी और दा पहुंच गये उत्तराखंड। अब उन्होंने तय किया है कि केदारनाथ की उसी गुफा में छह माह वास करेंगे, जिसमें पीएम मोदी ठहरे थे। उनकी इस घोषणा के बाद हैंडसम सीएम गुट ने राहत की सांस ली है। इसके साथ ही अटकलों का बाजार खत्म हो गया कि सीएम बदलेगा।
इधर, कांग्रेस में बुढ़ापा न कटते देख हरदा ने भाजपा का दामन थामने की तैयारी की है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी ने संकेत दिये हैं कि हरिद्वार से हरक सिंह रावत को चुनाव मैदान में उतारा जाएगा। हरदा बुढ़ापे में हरिद्वार सीट को ही पसंद कर रहे हैं। ऐसे में उन्होंने टिकट कटता देख भाजपा का दामन थामने की तैयारी कर ली है। भाजपा हाईकमान केवी कोटा प्रकरण को लेकर निशंक से नाराज है। माना जा रहा है कि निशंक की छुट्टी हो जाएगी। उधर, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने मंत्री पद छोड़ने का ऐलान किया है। वह अब पूजा-पाठ और प्रवचन में ही जीवन व्यतीत करना चाहते हैं।
इस बीच पता चला है कि गणेश जोशी और प्रेमचंद अग्रवाल में जबरदस्त हृदय परिवर्तन हुआ है। गणेश जोशी ने तय किया है कि अब किसी भी जूनियर इंजीनियर से कुछ नहीं मांगेंगे। न ही कहीं सरकारी जमीन कब्जा होने देंगे। जो हो चुका, उतना ही बस है। उधर, अग्रवाल ने विधानसभा में बैक डोर इंट्री करने वाले उन सभी को पुराना हिसाब वापस कर दिया है, जिनसे जो-जो गिफ्ट और सम्मान लिए थे। इन दोनों मंत्रियों की ईमानदारी को देखते हुए अगले साल 30 फरवरी को नई दिल्ली सम्मानित किया जाएगा। बुरा न मानो होली है। सभी प्रदेशवासियों को होली की शुभकामनाएं।
[वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]