शिमला, 28 दिसंबर। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार मंत्रिमंडल की पहली बैठक में प्रदेश के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में संपन्न आम विधानसभा चुनाव के दौरान अपने घोषणापत्र में राज्य के लोगों को 10 गारंटियां दी हैं। राज्य सरकार प्रदेश मंे इन सभी गारंटियों को चरणबद्ध तरीके से लागू करेगी। मुख्यमंत्री आज यहां एनपीएस कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने अनावश्यक व्यय किया और अपने कार्यकाल के अंत में 900 से अधिक संस्थान खोले। इससे वार्षिक 5000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने चुनाव को ध्यान में रखते हुए अपने कार्यकाल के दौरान अनावश्यक व्यय किया।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पेंशनधारकों को नियमित और सम्मानजनक पेंशन मिले, इसके लिए रूपरेखा तैयार करनी होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भारत सरकार को पत्र लिखकर एनपीएस अंशदान के तहत संग्रह की गई राशि का भुगतान करने को कहा है।
एनपीएस कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य में ओपीएस लागू करने के प्रदेश सरकार के निर्णय के लिए कर्मचारी कृतज्ञ रहेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) को प्रतिवर्ष 1632 करोड़ रुपये का योगदान दे रहे हैं जोकि एक बहुत बड़ी राशि है।
इस अवसर पर कर्मचारी कल्याण बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष सुरेंद्र मनकोटिया ने भी अपने सुझाव दिए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार मीडिया नरेश चौहान, विधायक संजय अवस्थी, अनिरुद्ध सिंह एवं अजय सोलंकी, मुख्य सचिव आर.डी धीमान, अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना और एनपीएस कर्मचारियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।