कुल्लू, 29 अक्टूबर। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आज कुल्लू जिले के देव सदन में रूपी-सराज कला मंच, हिमाचल कला, भाषा एवं संस्कृति अकादमी और संस्कार भारती हिमाचल प्रदेश के संयुक्त तत्त्वावधान में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने भारत की समृद्ध संस्कृति और उच्च परंपराओं की विभिन्न आयामों को प्रदर्शित करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि हमें इन परंपराओं को पुनर्स्थापित करने के लिए काम करना चाहिए।
आर्लेकर ने कहा कि प्रत्येक राष्ट्र के अस्तित्व का एक उद्देश्य होता है और हमारी परंपराओं ने पूरी दुनिया को शिक्षित किया है। संपूर्ण विश्व हमारे विचारों, अस्तित्व, धरोहर और परंपराओं से सीख रहा है परंतु दासता वाली मानसिकता ने हमें हमारी परंपराओं से दूर कर दिया है। अब समय है कि हम वैचारिक स्वतंत्रता की ओर अग्रसर हों। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के सम्मेलन हमें इस दिशा में आगे बढ़ने के अवसर प्रदान करते हैं।
उन्होंने कहा कि लोक संस्कृति, शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण प्रत्यक्ष रूप से हमसे जुड़े हुए हैं और हमारा प्रतिबिंब उनसे प्रदर्शित होता है। यह हमारा दायित्व है कि हम इस सम्मेलन के माध्यम से सार्थक संवाद करें और समाज के प्रति अपना योगदान देते हुए दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत बनें।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने कहा कि यह नीति हमारी मानसिकता को परिवर्तित करने का एक सार्थक प्रयास है। उन्होंने कहा कि विश्व के विकसित राष्ट्र अपनी भाषा का उपयोग करके विकसित हुए हैं। उन्होंने कहा कि अब वर्तमान समय की मांग है कि हम अपनी मातृभाषा को अपनाएं और इस शिक्षा नीति के कारण यह संभव हो पाएग। उन्होंने कहा कि हमें अपनी संस्कृति और परंपराओं पर गर्व करना चाहिए। उन्होंने अमृत काल के इस अवसर पर लोगों का आह्वान किया कि देश के विकास में अपना योगदान सुनिश्चित करें। उन्होंने लोगों से स्वदेशी अपनाने का भी आह्वान किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कुल्लू के उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक और आदित्य ठाकुर को उल्लेखनीय कार्यों के लिए सम्मानित किया। उन्होंने प्रो. इंद्र ठाकुर की किताब का विमोचन भी किया।
रूपी सराज कला मंच के अध्यक्ष प्रो. इंद्र ठाकुर ने राज्यपाल का स्वागत करत हुए कहा कि मंच विगत कई वर्षों से विभिन्न सामाजिक कार्यों में उल्लेखनीय भूमिका निभा रहा है। कला मंच के माध्यम से पानी, पर्यावरण और विभिन्न मुद्दों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर रूपी सराज कला मंच के सचिव डॉ. दयानंद गौतम ने कला मंच की विभिन्न गतिविधियों से अवगत करवाया।
मास्को अंतरराष्ट्रीय केंद्र की स्पीकर लारीसा वी. सर्जिना ने भारतीय लोक संस्कृति एवं पर्यावरण पर अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि रूस और भारत के मध्य गहरे मैत्रीपूर्ण संबंध हैं और संस्कृति और आध्यात्मिक सोच में भी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।
इससे पूर्व, राज्यपाल ने देव सदन स्थित संग्रहालय का दौरा किया और वास्तुकला के विभिन्न पहलुओं में गहरी रुचि दिखाई।
इस अवसर पर कुल्लू के उपायुक्त आशुतोष गर्ग, पुलिस अधीक्षक, गुरुदेव शर्मा, देश और विदेश के प्रतिभागी, महिला मंडलों के प्रतिनिधि और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इससे पहले, कुल्लू पहुंचने पर भूंतर हवाई अड्डे पर उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक ने उनका स्वागत किया।