- सरस्वती जी को न पटा सके, दसवीं भी पास न कर सके
- जनता को पटाया और किसान से राजा बन गये भगत
जनता ने कैसे-कैसे लोगों को अपने सिर पर बिठाया और वह जनता के लिए मुसीबत बन गये। इसका उदाहरण कालाढूंगी से विधायक बंशीधर भगत से लिया जा सकता है। विधायक महोदय कभी भी कुछ भी महिलाओं के लिए बोल देते है, लेकिन सरकार इनकी है तो जब सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का वाला हाल होता है। कल जो बातें 70 साल के बुजुर्ग विधायक बंशीधर भगत ने मंच से बोली, यदि वही बातें मैं या कोई आम इंसान या कांग्रेसी कर देता तो उसके खिलाफ तथाकथित हिन्दू संगठनों का ईश्वर प्रेम जाग जाता। देवी-देवताओं के अपमान पर थाने में तहरीर दे दी जाती, लेकिन पिछले 24 घंटे के दौरान ईश्वर प्रेम सो रहा है। हिन्दू संगठनों की बोलती बंद है।
अब बात वापस विधायक बंशीधर भगत की करते हैं। 2022 विधानसभा चुनाव के लिए महाशय ने जो एफिडेविड चुनाव आयोग को सौंपा, उसकी थोड़ी जानकारी आपको दे दूं। एडीआर की रिपोर्ट बताती है कि बंशीधर भगत ने 1965 में नौंवी भी हल्द्वानी के महात्मा गांधी इंटर कालेज से पास है। मैं ऐसे देहरादून में ही सैकड़ों ऐसे लोगों को जानता हूं जो 1965 में ग्रेजुएट, पोस्टग्रेजुएट थे। बंशीधर भगत ने आगे पढ़ाई क्यों नहीं की? मैं नहीं जानता, लेकिन उन्होंने खूब कमाई की है। एडीआर की रिपोर्ट बताती है कि उनके पास 3 करोड़ 40 लाख 48 हजार 906 रुपये की संपत्ति थी। यह संपत्ति चुनाव लड़ने से पहले थी। यानी अब इसमें इजाफा ही हुआ होगा। बंशीधर भगत ने अपने को किसान बताया है। यदि वह किसान हैं तो उनके जितना मालदार किसान उत्तराखंड में संभवत गिने-चुने ही होंगे।
क्या उत्तराखंड का किसान करोड़पति है? कितने किसान होंगे ऐसे? यह विचारणीय है। विधायक भगत के पास 1 करोड़ 44 लाख 92 हजार 906 रुपये का डिपोजिट है। इसमें वह और उनकी पत्नी के नाम हल्द्वानी स्थित नैनीताल बैंक, नैनीताल जिला सहकारी बैंक, देहरादून के बैंक आफ बड़ोदा में यह रकम जमा है। उनकी इनकम टैक्स रिटर्न लगभग 97 लाख रुपये है। 19 लाख की हैक्सा कार में घूमते हैं। गांव में भी दो मंजिला भवन है जिसकी कीमत 32 लाख बतायी गयी है। 92 लाख रुपये की कृषि भूमि भी है।
बंशीधर भगत ने अपने हलफनामे में कहा है कि यह आय उनको किसानी और विधायकी के वेतन से होती है। तो क्या विधायक जी बताएंगे कि उन्होंने जनता के लिए क्या किया? क्या पूरा वेतन बचा लेते हैं विधायक? आखिर खेती कितनी होती है भगत जी की? किस-किस अनाज की खेती करते हैं विधायक भगत? उन्हें या उनके परिजनों को खेती में कितना वक्त गुजराना पड़ता है? कितने खेतीहर मजदूर काम कर रहे हैं उनके यहां? कुल कितना अनाज उत्पादन होता है। विधायक बंशीधर भगत को इसके आंकड़े सार्वजनिक करने चाहिए।
साथ ही जनता को यह भी बताएं कि 17 लाख 76 हजार का सोना किस किसान और उसकी पत्नी के पास है। बताएं कि उन्होंने लक्ष्मी जी को कैसे पटाया? इतना धन कहां से कमाया? इसकी जांच होनी चाहिए। या फिर प्रदेश के किसानों को बंशीधर भगत को आइडिल मानना चाहिए। सरकार को बंशीधर भगत को किसानों को ब्रांड एम्बेस्डर बनाना चाहिए ताकि पहाड़ के किसान भी उन्हीं की तर्ज पर लक्ष्मी जी को पटा सकें। आखिर कब तक हम लोगों को बेवकूफ बनाओगे नेताओे?
[वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]