चंबा, 21 नवंबर। राजीव गांधी पंचायती राज संगठन चंबा ने कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा को किसानों की जीत बताया है। संगठन के जिला संयोजक रमेश शर्मा ने कहा कि ये काम केंद्र को बहुत पहले ही कर लेना चाहिए था, लेकिन उसने किया नहीं, जिस वजह से कई किसानों को अपनी शहदात देनी पड़ी। इन किसानों की शहादत को देश कभी नहीं भूलेगा।
रमेश शर्मा ने कहा कि ये किसानों का ही जज्बा था, जिसके आगे केंद्र सरकार को झुकना पड़ा और तीनों काले कानून वापस लेने की घोषणा करनी पड़ी। पूर्णत बहुमत प्राप्त करने से सत्ता में आई केंद्र सरकार को घमंड आ गया था, जिस वजह से उसने इन तीनों कानूनों को वापस लेने में एक साल का समय लगा दिया। ये किसानों का संघर्ष ही था कि उसने हठधर्मी केंद्र सरकार को मजबूर कर दिया। किसानों की इस जीत से पूरे देश में ये संदेश भी गया है कि लोकतंत्र में कोई भी सरकार डंडे के जोर पर नहीं संविधान का पालन करके ही चल सकती है। किसानों और बागवानों की एकता ने उन्हें ये ऐतिहासिक संघर्ष के बाद जीत दिलाई है। केंद्र की जिद्दी की वजह से एक साल तक देश को काफी नुकसान उठना पड़ा है। संपूर्ण केंद्र सरकार को किसानों और देश की जनता से भी माफी मांगनी चाहिए।
रमेश शर्मा ने कहा कि देश की जनता केंद्र की दमनकारी नीतियों का अगले चुनावों में उसी तरह करारा जवाब देगी, जैसे हिमाचल प्रदेश के लोकसभा एवं विधानसभा के उप चुनावों में भाजपा सूपड़ा साफ कर दिया। उन्होंने कहा कि अगले साल कुछ राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों में भी भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ेगा। शर्मा ने कहा कि केंद्र मजदूरों के शोषण करने वाले बिल भी ला रही है, जिसका पूरे देश में विरोध किया जाएगा।
जिला सचिव देवेंद्र कुमार, अशोक ठाकुर, चंबा ब्लाक के संयोजक मनोज कुमार, उपाध्यक्ष रवि कुमार, टेक चंद भरमौर ब्लाक के संयोजक रमेश गौसाली, उपाध्यक्ष काका ठाकुर एवं राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के जिला एवं ब्लॉक के समस्त पदाधिकारियों ने किसानों और बागवानों को बधाई देते हुए इस दौरान शहीद हुए किसानों को याद किया।
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