किन्नौर भूस्खलनः 4 और लाशें मिली, अब तक 14 की मौत, कई लापता, देखें फोटो

611
photo source: social media

किन्‍नौर, 12 अगस्त। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में बुधवार को एक बस और अन्य वाहनों के भूस्खलन की चपेट में आने के बाद मलबे में फंसे लोगों की तलाश एवं बचाव के लिए अभियान आज भी जारी रहा। भूस्‍खलन जारी रहने के चलते बुधवार रात को अभियान बंद कर दिया गया था। बृहस्पतिवार को अभियान पुनः शुरू हुआ और इस दौरान 4 और लाशें बरामद की गई। जिसके बाद इस हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है। उधर, इस हादसे के घायलों को बेहतर इलाज के लिए हेलीकाप्‍टर से लिफ्ट करके शिमला पहुंचाया गया है। यहां स्थित आईजीएमसी अस्‍पताल में उनके इलाज के लिए जरूरी इंतजाम किए गए हैं।

photo source: social media

राज्य आपदा प्रबंधन निदेशक सुदेश कुमार मोख्‍टा ने बताया कि कुछ वाहनों के साथ ही मलबे में हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) की एक बस भी दब गई थी। उन्होंने बताया कि बस बुरी तरह क्षतिग्रस्त हालत में मिली है, जबकि एक ‘बोलरो’ वाहन के अब भी मलबे में दबे होने की आशंका है। निचार तहसील के निगुलसारी क्षेत्र के चौरा गांव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पांच पर बुधवार दोपहर को भूस्खलन के बाद पहाड़ से गिरे पत्थरों की चपेट में हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) की एक बस आ गई थी, जो रिकांगपियो से शिमला होते हुए हरिद्वार की ओर जा रही थी।

photo source: social media

किन्नौर के उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि आज भूस्खलन स्थल से चार और लाशें मिली हैं। अभी तक 14 लाशें बरामद हो चुकी हैं। बुधवार को 10 लोगों की लाशें मिली थीं तथा 13 घायलों को बचा लिया गया था, जबकि कई अन्य के मलबे में दबे होने की आशंका है। मलबे में कितने लोग दबे हैं इसकी सही जानकारी नहीं है। माना जा रहा है कि मलबे में दो दर्जन के करीब लोग दबे हो सकते हैं। शिमला के निवासी लोकेंद्र सिंह वैदिक ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि उनके पिता की लाश मिल गई है, लेकिन बचाव दल अभी तक उनका सिर नहीं ढूंढ पाया है।

photo source: social media

अधिकारियों का कहना है कि बृहस्पतिवार सुबह छह बजे बचाव कार्य फिर से शुरू किया गया। स्थानीय पुलिस के सदस्य, होमगार्ड, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) संयुक्त रूप से बचाव अभियान चला रहे हैं। इस बीच, किन्नौर भूस्खलन में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए राज्य विधानसभा में कुछ समय का मौन रखा गया। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, उद्योग एवं परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह के साथ घटनास्थल पर बचाव कार्य का जायजा लेने गए हैं। मुख्‍यमंत्री ने आज हेलीकाप्‍टर से घटना स्‍थल का जायजा लिया और बचाव अभियान की समीक्षा की।

उधर, भारद्वाज ने बताया कि भूस्खलन ऐसे स्थान पर हुआ, जहां आमतौर पर लोग प्राकृतिक नजारे देखने तथा फोटो खींचने के लिए अपने वाहन खड़े करते हैं। राज्य सरकार ने बुधवार को ही बचाव कार्य के लिए चार हेलीकॉप्टर मंगवाए थे, लेकिन खराब मौसम के कारण वे घटनास्थल पर नहीं पहुंच सके हैं। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता आशा कुमारी ने राज्य विधानसभा में कहा कि विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री, रामपुर के विधायक नंद लाल और शिमला ग्रामीण विधायक विक्रमादित्य सिंह भी घटनास्थल गए हैं।

माकपा विधायक राकेश सिंघा ने भी घटना पर दुख जताया और कहा कि भूस्खलन होने के कारण का भी पता लगाना चाहिए और ऐसा दोबारा ना हो इसलिए इस संबंध में भी कदम उठाए जाने चाहिए। अधिकारियों ने बुधवार रात करीब 10 बजे अभियान स्थगित कर दिया था। भावनगर के थानाप्रभारी ने बुधवार को कहा था कि करीब 25 से 30 लोग मलबे में दबे हुए हैं। उधर उपायुक्त ने बताया कि बस में 40 से अधिक यात्री सवार थे। अधिकारियों ने बताया कि बचाव अभियान के दौरान बुधवार को एक टाटा सूमो भी मिली थी, जिसमें आठ लोग मृत मिले। अधिकारियों ने बताया कि पत्थर गिरने से एक ट्रक नदी किनारे लुढ़क गया और उसके चालक की लाश बरामद हुई है। उन्होंने बताया कि एक पूरी तरह से क्षतिग्रस्त ऑल्टो कार भी बरामद की गई है, लेकिन उसके अंदर कोई नहीं मिला है।

भारी भरकम चट्टानों के नीचे दबी बस और कई वाहन, 10 लाशें मिली, 40 दबे

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here