पुरी (ओडिशा), 1 जुलाई। पुरी के प्रतीकात्मक राजा गजपति महाराजा दिब्यसिंह देब ने ‘रथयात्रा’ से पहले शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ एवं उनके दैवीय भाई-बहन के रथों की साफ-सफाई की ‘छेरा पहरा’ रस्म पूरी की।
यह रस्म नौ दिवसीय उत्सव ‘रथयात्रा’ के समय श्रद्धालुओं द्वारा रथों को खींचे जाने से पहले की गई है। कोविड-19 महामारी के कारण दो साल बाद यह रस्म की गई है।
#WATCH जगन्नाथ रथ यात्रा पुरी, ओडिशा में शुरू होने के साथ ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी।#JagannathRathYatra2022 pic.twitter.com/pqgGN1IP3G
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 1, 2022
परंपरा के अनुसार राजा को चांदी की एक पालकी में श्री जगन्नाथ मंदिर ले जाया गया। वहां उन्होंने रथों पर बैठे देवी-देवताओं की पूजा की और फिर सोने की झाड़ू से रथों की साफ-सफाई की।
जगन्नाथ संप्रदाय के शोधकर्ता रविनारायण मिश्रा ने कहा, ‘‘इस रस्म का स्पष्ट संदेश है कि भगवान के सामने सभी बराबर हैं।’’
आसित मोहंती नामक एक अन्य शोधकर्ता ने कहा कि सदियों से यह रस्म समाज को यह संदेश देने के लिए पूरी की जाती है कि जाति, पंथ या किसी अन्य सामाजिक बाधा के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए।
(साभारः भाषा)