जीवन का अनुभव

967

झूठे अहंकार से पतन और सच्चे समर्पण से उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है।
शिव के अनन्य भक्त, प्रकांड पंडित और महा शक्तिशाली रावण के विनाश का कारण उसका अहंकार तथा दूसरी ओर भालू एवं बंदरों के साथ वनवासी श्री राम की विजय के पीछे उनका समर्पण भाव था।
डॉ सरोज व्यास
(लेखिका-शिक्षाविद्)

अनमोल-धारा: जीवन का अनुभव

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here