अज्ञानी मनुष्य निज कर्तव्यों की अपेक्षा दूसरों के कार्यों की चिंता और विवेचना में अधिक रुचि लेते हैं। ऐसे लोगों के लिए सटीक कहावत हैं –
अधजल गगरी, छलकत जाए”
अर्थात
जो खाली (अनुभव हीन एवं अल्प बुद्दि) होता है, वह अधिक आवाज करता है।
प्रो. (डॉ) सरोज व्यास
(लेखिका-शिक्षाविद्)
निदेशक, फेयरफील्ड प्रबंधन एवं तकनीकी संस्थान,
(गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय), नई दिल्ली