उपहार देने वाले की क्षमता, स्नेह, सामर्थ्य और भावनाओं का प्रतिरूप है। लेने वाले को पसंद के लिए पुरुषार्थ करना चाहिए, किसी अन्य से अपेक्षा नहीं।
प्रो. (डॉ) सरोज व्यास
(लेखिका-शिक्षाविद्)
निदेशक, फेयरफील्ड प्रबंधन एवं तकनीकी संस्थान,
(गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय), नई दिल्ली